एमबीएम न्यूज़/नाहन
सिरमौर जिला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शीघ्र ही स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि जिला के सभी 1486 आंगनबार्ड़ी केंद्रों की गतिविधियों का ऑनलाइन आंकलन किया जा सके। यह जानकारी उपायुक्त ललित जैन ने शुक्रवार को पोषण अभियान के लिए गठित जिला स्तरीय अभिसरण कमेटी की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले स्मार्ट फोन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई ऐप को डाउनलोड किया जाएगा। जिस पर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऑनलाइन बच्चों की हाजरी, बच्चों को दिए जा रहे संतुलित आहार, बच्चों का वजन, ऊंचाई इत्यादि का डाटा भेजेंगे। राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा आंकलन किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि प्रथम चरण में जिला में कार्यरत सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों को ऐप के इस्तेमाल बारे प्रशिक्षित किया जाएगा। तदोपंरात सीडीपीओ और पर्यवेक्षक अपने अपने विकास खण्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देगें। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कार्यक्रम से जहां ऑनलाइन हाजरी, बच्चों को दी जा रही सुविधाओं बारे विभाग में पारदर्शिता आएगी, वहीं पर आंगनबाड़ी केंद्रो में किसी प्रकार की अनियमितता होने की संभावना भी उत्पन्न नहीं होगी।
पोषण अभियान पर बोलते हुए उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आशा वर्कर के माध्यम से 6 मास से 3 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को घर पर जाकर आयरन सीरप उपलब्ध करवाया जाए ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके। उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिए कि छोटे बच्चे की माता जब माह की प्रथम तारीख को राशन लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में आए तो उस दौरान धात्री माता से आशा वर्कर द्वारा दिए जाने वाले आयरन सीरप पुष्टि अवश्य की जाए। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों का रिकार्ड रखा जाए। बच्चे को कुपोषण से उभारने के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह लेकर बच्चों को संतुलित आहार इत्यादि प्रदान किया जाए।
उपायुक्त ने कहा कि पारंपरिक व्यंजन पौष्टिक गुणों से भरपूर होते है, जिनमें हर प्रकार के तत्व पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सिरमौर में तैयार किए जाने वाले पारंपरिक व्यंजनों बारे एक पेंफलेट तैयार किया जाए, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर पारंपरिक व्यंजनों में पाए जाने वाले विटामिन का उल्लेख किया गया हो। प्रकाशित पेंफलेटस को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में कुपोषण की दर को शून्य लाना है। इस बारे विशेष अभियान आरंभ किया जाए, ताकि जिला में कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे।
उपायुक्त ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि स्कूलों में आयोजित की जाने वाली एसएमसी की बैठकों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ बारे व्यापक प्रसार किया जाए। बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से दी जा रही विभिन्न सुविधाओं बारे भी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना, शिक्षा संचार कार्यक्रम के फलस्वरूप जिला में कन्या जन्म दर में आशातीत वृद्धि दर्ज हुई है। वर्तमान में सिरमौर जिला में कन्या जन्म दर एक हजार पुरूषों के मुकाबले 963 हो गई है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस मदन चौहान ने बैठक में आए सभी सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों का स्वागत किया। पोषण अभियान बारे विस्तार से जानकारी दी। बैठक में सचिव जिला विधिक साक्षरता सेवाऐं बसंत वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र ठाकुर, जिप सदस्य प्रताप तोमर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके पराशर के अतिरिक्त जिला में कार्यरत सभी सीडीपीओ और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।