वी कुमार/मंडी
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला के धर्मपुर शिक्षा खंड में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। चुनौता पंचायत की प्राथमिक पाठशाला पिपली छात्तर में छात्रों को गलत तरीके से शिक्षा प्रदान की जा रही है। आरोप यह भी है कि शिक्षिकाओं को खुद ही पाठ्यक्रम का सही तरीके से ज्ञान नहीं है। बताया गया कि स्कूल में 3 शिक्षिकाएं तैनात हैं। इसमें से 2 शिक्षकों को पढ़ाना ही नहीं आता। हाल ही में अपनी सेवाएं शुरू करने वाली जूनियर शिक्षक के कंधों पर ही बोझ डाल दिया जाता है।
मामला प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक के संज्ञान में भी लाया गया, लेकिन अब अभिभावकों के सब्र का पैमाना टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। क्योंकि पिछले 2 सप्ताह में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि उपनिदेशक से यह आश्वासन मिला था कि वह जल्द ही स्कूल का स्वयं निरीक्षण करेंगे। समाज सेविका सविता गुप्ता ने इस बाबत सोशल मीडिया में कुछ वीडियो भी पोस्ट किए हैं। जो साफ तौर पर इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि सरकारी स्कूल में बच्चों को गलत तरीके से शिक्षा प्रदान की जा रही है।
अभिभावकों का यह भी कहना है कि स्कूल में 23 सालों से एक शिक्षिका जमी हुई है। जिनका आज तक कोई स्थानांतरण नहीं हो पाया। उल्लेखनीय है कि धर्मपुर शिक्षा खंड का पीपली छात्तर स्कूल केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय है। इसके कॉम्पलेक्स में कई अन्य स्कूल भी आते हैं। जब वरिष्ठ शिक्षिका को सही तरीके से पढ़ाने का ज्ञान नहीं है तो अन्य स्कूलों की हालत भी नहीं सुधारी जा सकती।
समाज सेविका सविता गुप्ता का कहना है कि छात्रों की कॉपियों में गलत तरीके से लिखे गए जवाबों को भी सही बता दिया जाता है। इससे प्राथमिक स्तर पर बच्चे गलत सीख रहे हैं। उनका कहना था कि एसएमसी की बैठक भी बुलाई गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लिखित शिकायत विभाग के अधिकारियों को प्रेषित की गई। उधर अभिभावकों का कहना है कि अब सब्र का पैमाना टूट गया है। जल्दी कोई कार्रवाई ना होने पर आंदोलन शुरू हो सकता है।
उधर मंडी में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक पुरुषोत्तम सिंह राणा का कहना था कि मामला उनके संज्ञान में लाया गया था। इस बाबत एक शिकायत भी प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि व्यवस्था की वजह से वह स्कूल का निरीक्षण नहीं कर पाए हैं। लेकिन टेलीफोन वार्ता में स्कूल स्टाफ को चेतावनी दी गई थी। उपनिदेशक ने कहा कि वह जल्द ही स्कूल का निरीक्षण करेंगे। साथ ही इस बात को पूछेंगे कि क्या वास्तव में स्कूल में तैनात शिक्षिकाओं को पढ़ाने का ज्ञान नहीं है। दीगर है कि सरकारी प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत शिक्षकों को सरकार मोटी पगार देती है। इसके अलावा बेशुमार सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं।