अनिल छांगु /ज्वाली
नूरपुर उपमंडल में गंगथ पुलिस चौकी के तहत 11 वर्षीय मासूम केतन की मौत के मामले में आखिरकार पुलिस ने मंगलवार देर शाम मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या व सबूत मिटाने का मामला आईपीसी की धारा 304 व 201 के अलावा 34 के तहत दर्ज किया है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज नहीं किया है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में किसी को भी आरोपी नामजद नहीं किया है। इतना जरूर है कि स्कूल के शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ सकती है। सनद रहे कि घटना 15 मई की है, जिसमे 6 दिन बाद मामला दर्ज हुआ है। दिवंगत केतन एक गरीब परिवार के इलावा अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता था जिसके सिर पर पिता का साया नहीं था।
सूत्रों की मानें तो पहले पुलिस ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चरूड़ी में पढ़ रहे छठी कक्षा के एक छात्र के बयान लिए इसके बाद ही मामला दर्ज हुआ है। छात्र के बयान के मुताबिक वह सुबह करीब साढ़े 8 बजे के आसपास स्कूल पहुंच गया था। यहां केतन अन्य छात्रों के साथ पकड़म पकड़ाई का खेल खेल रहे था,वहीं रामू (परिवर्तित नाम) लकड़ी के बेट पर जुराब की गेंद उछाल रहा था,इसी दौरान केतन रामू से आगे निकल गया। इस पर गुस्से में आकर रामू ने के केतन पर बल्ले से हमला कर दिया। इसके बाद केतन बेहोश हो गया। कुछ छात्रों ने केतन को उठाया। मौके पर स्कूल का चपरासी श्रवण कुमार व अध्यापक अरुण पहुंच गए। जिसके बाद केतन की बहनों को बुलाया गया साथ ही माता इच्छा देवी का नंबर भी पूछा गया।
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बयान के मुताबिक केतन को दो मर्तबा खून की उल्टियां हुई। मैडम ने अंदर से स्काउट एंड गाइड की कमीज निकाली और केतन को पहनाई इसके बाद मैडम ने ही दसवीं कक्षा में पढऩे वाले छात्र को बल्ले व गेंद को जला देने को कहा। इसके बाद छात्रों ने खाना बनाने वाले चुल्हे में बल्ले व गेंद को जला दिया। बयान के मुताबिक स्टॉफ ने सबको यही कहने को कहा था कि केतन को दौरा पड़ गया है। आरोपी छात्र भी नाबालिग है,इसी कारण उसके खिलाफ मामला जुबेलाइन एक्ट के तहत चलेगा, लेकिन शिक्षकों पर सबूत मिटाने की धारा के तहत कार्रवाई की आशंका है। उधर नूरपुर के डीएसपी साहिल अरोड़ा ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।