एमबीएम न्यूज/ऊना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बेहद ही आक्रामक रूप में नजर आए। उन्होंने हमीरपुर के उम्मीदवार रामलाल ठाकुर को कबड्डी का राष्ट्रीय खिलाडी बताते हुए कहा कि कोच के बगैर कबड्डी हो या राजनीति कहीं भी सफलता नहीं मिलती। इसके बाद राहुल ने तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कबड्डी का मैच चला रखा है। इसमें अपने कोच एलके आडवानी को अपमानित करने के बाद मैच जीतना चाह रहे हैं। मगर ऐसा नहीं होता। टीम वर्क से ही मैच जीते जा सकते हैं।
उन्होंने आडवाणी को ही दरकिनार नहीं किया बल्कि नितिन गडकरी व सुषमा स्वराज की भी नहीं सुनी। राहुल ने कहा कि अब देश को समझना चाहिए कि कबड्डी के मैच में मोदी हमारे पाले में आ गए हैं। वो कबड्डी-कबड्डी बोल रहे हैं, लेकिन मैंने अपनी टीम के साथ उनको अपने पाले में दबोच लिया है। मात्र 20 सैकेंड में खेल खत्म हो जाएगा। नोटबंदी पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि रात को प्रधानमंत्री जी को ख्याल आया कि 500 व 1000 के नोट बंद कर दिए जाने चाहिए। बिना आरबीआई से पूछे नोटबंदी लागू कर दी।
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी को अपने पाले में ऐसे ही नहीं पकड़ लिया, बल्कि उसके लिए 6-7 महीने की प्लानिंग की गई। इसके बाद ही मोदी को अपने पाले में दबोच लिया। गांधी ने कहा कि प्लानिंग में जनता की आवाज को सुना गया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री चौकीदार नहीं होता, बल्कि उसे देश सेवा करनी होती है। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी ने अंबानी व पूंजीपतियों की चौकीदारी की। राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि अगर वो चौकीदार थे तो राफेल घोटाले में 30 हजार करोड़ अंबानी को क्यों दे दिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने देश के केवल 15 लोगों को ही अरबों रुपए बांट दिए।
उन्होंने कहा कि यह पैसा देश के करोड़ो लोगों को बांटा जा सकता था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीब भारतवासियों के खाते में 72 हजार डालने जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मेहुल चौकसे ने अरुण जेटली के खाते में करोड़ों रूपये ट्रांसफर किए। भ्रष्टाचार ने देश के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। कांग्रेस सत्ता में आते ही किसानों के लिए अलग से बजट बनाएगी। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को राहुल मंच तक पकड़कर ले गए। उन्होंने वीरभद्र सिंह को एक जनाधार वाला नेता बताते हुए अपना गुरु तक कह कर जनता में उनका सम्मान बढ़ा दिया। सत्ता में आते ही सरकार 22 लाख लोगों को नौकरी देगी। युवाओं को उद्योग लगाने के लिए परमिशन की आवश्यकता नहीं होगी।