एमबीएम न्यूज/शिमला
कांगड़ा जनपद के शाहपुर की स्वाति डोगरा ने अपने दिवंगत पिता वेणु गोपाल डोगरा के सपनों को साकार कर दिया है। एचएएस की परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने पर स्वाति की आंखों में ख़ुशी आंसू हैं। डीएफओ के पद पर कार्यरत पिता वेणु गोपाल डोगरा का निधन करीब सात साल पहले हो गया था। पिता चाहते थे कि बेटी एक होनहार प्रशासनिक अधिकारी बनें, लिहाजा तीन कोशिशों में असफलता मिलने के बावजूद स्वाति के कदम नहीं डगमगाए।
पंजाब विश्वविद्यालय से बॉटनी में एमएससी कर चुकी स्वाति को कॉलेज में सहायक प्रोफैसर बनने का अवसर मिल गया था। चाहती तो यहीं अपनी नौकरी को जारी रख सकती थी, लेकिन वो बखूबी इस बात को जानती थी कि पिता का सपना क्या था। लिहाजा इस नौकरी को छोड़कर पूरा ध्यान एचएएस की परीक्षा पर ही केंद्रित कर लिया। सोमवार दोपहर वो पल आए, जब स्वाति को सूचना मिली कि वो दूसरा रैंक हासिल कर प्रशासनिक अधिकारी बन गई है। अपनी गृहणी मां रीता डोगरा से गले मिलकर यही बोली कि मम्मी, पापा का सपना पूरा हो गया है।
क्या दिए टिप्स…
स्वाति डोगरा का कहना है कि 8 घंटे रोजाना पढ़ाई लाजमी है। उनका कहना है कि पाठयक्रम पर ध्यान केंद्रित करना काफी मायने रखता है। सकारात्मक सोच के साथ पढ़ाई करनी होती है। कई बार असफलता के बाद मनोबल टूटने का एहसास होता है, लेकिन इस पर आपको नियंत्रण करना पड़ता है।