एमबीएम न्यूज़/शिमला
धारा-118 के अंतर्गत गैर हिमाचलियों को जमीन खरीदने की इजाजत देने के एवज में पैसों के लेन-देन के आरोपों से घिरे राज्य चुनाव आयुक्त व पूर्व मुख्य सचिव पी. मित्रा के आवाज के नमूने लेने और पॉलीग्राफ टैस्ट करवाने पर अदालत में सुनवाई आगामी 20 मार्च तक टल गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (वन) अरविंद मल्होत्रा की अदालत में बुधवार को मामले की सुनवाई हुई और अपना पक्ष रखने के लिए मित्रा भी अदालत में पेश हुए।
वहीं विजिलेंस ने मित्रा के वायस सैंपल व पॉलीग्राफ टैस्ट को अनिवार्य बताते हुए इसकी अनुमति दिए जाने का आग्रह किया। इसी मामले में एक आरोपित विनोद मित्तल के वॉयस सैम्पल का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण अदालत ने मामले पर सुनवाई के लिए 20 मार्च का दिन निर्धारित किया गया है। दरअसल मित्तल के वॉयस सैंपल मामले की हाईकोर्ट में 13 मार्च को सुनवाई होनी है।
याद रहे कि यह मामला साल 2010-11 का है। उस वक्त राज्य में भाजपा की सरकार थी और पी. मित्रा राजस्व विभाग के प्रधान सचिव थे। आरोपित विनोद मितल व एक कारोबारी पर घूस लेने और उसे आगे अफसरों को देने का आरोप है। विजिलेंस ने इस मामले में पी. मित्रा की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
सनद रहे कि अवैध लेन-देन से जुड़ी मित्रा की फोन पर बातचीत के अंश भी विजीलेंस के हाथ लगे हैं और इनकी पुष्टि करने के लिये विजीलेंस मित्रा के आवाज के नमूने लेना चाह रही है। जांच एजेंसी विजिलेंस की तरफ से विगत साल अक्तूबर माह में मित्रा के वायस सैंपल लेने के लिए अदालत में अर्जी दी गई थी। खास बात यह है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मित्रा राज्य के मुख्य सचिव भी रहे। विजिलेंस धारा-118 से जुड़े मामले में बीते वर्ष सितम्बर माह में मित्रा से दो बार पूछताछ कर चुकी है।