एमबीएम न्यूज/नाहन
डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में डायलिसिज सैंटर आरंभ हो गया है। अब किडनी रोग से जूझ रहे मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ व बाहरी राज्यों के अस्पतालों में नहीं भटकना पडे़गा। डायलिसिज सैंटर सोमवार से क्रियान्वित हो गया है। फिलहाल इस सैंटर में एक चिकित्सक, तीन तकनीशियन व एक प्रबंधक की तैनाती की गई है। अभी तक हजारों रुपए खर्च कर हर सप्ताह रोगियों को पीजीआई के चक्कर काटने पड़ते थे।
यही नहीं, मरीजों को कई प्राईवेट अस्पताल जो हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एनटाइटल्ड नहीं थे, में महंगा इलाज कराने को मजबूर होना पड़ता था। इसमें गरीब तबके को सबसे ज्यादा आर्थिक चपत लगती थी। यही नहीं, सरकारी कर्मचारियों को भी अब इस सुविधा का लाभ मिलेगा। हालांकि एक कंपनी के माध्यम से लोगों को सुविधा दी जाएगी। देर से ही सही मगर इससे मरीजों को किराए व समय की बचत होगी। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत इस डायलिसिज सैंटर को चलाने का जिम्मा दिल्ली की आउटसोर्स कंपनी के पास है।
सैंटर में बीपीएल के साथ-साथ विधवा महिला व आयुष्मान भारत के स्वास्थ्य कार्ड धारकों को मुफत सुविधा मिलेगी। वहीं सामान्य श्रेणी के मरीजों के लिए डायलिसिज का शुल्क 1196 रुपए होगा। उधर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीडी शर्मा ने बताया कि सैंटर में मशीनरी स्थापित कर दी गई है।