वी कुमार/मंडी
गरीबों, बेसहारा, वृद्धों, विधवाओं व अपंगों आदि को राहत के लिए दी जाने वाली पेंशन के करोड़ों रुपए का गबन करने का जो मामला मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में उजागर हुआ है। उसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी सोमवार को जोगिंद्रनगर पहुंच गई है। यह गबन वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की अवधि का सामने आया है। जिसमें पेंशन पात्र लोगों तक न पहुंच कर सीधे ही बैंक से आहरित करके हड़प ली गई।
कुछ साल पहले अंतर्जातीय विवाह की प्रोत्साहन राशि मंजूर होने के बावजूद भी जब पात्र दंपति को नहीं मिली थी तो मामला सुर्खियों में आया था। जब इस मामले में गहराई से जांच की गई तो पता चला कि हजारों मामलों में पात्र लोगों की पेंशन हड़प ली गई है। यह राशि करोड़ों में मानी जा रही है। मामला उजागर होने पर जिला स्तर पर जब इसकी जांच हुई तो वित्तीय गोलमाल का बड़ा मामला सामने आया। फिर इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजी गई।
निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 7 फरवरी को उच्च स्तरीय विशेषज्ञ दल से इसकी जांच करने के आदेश दे दिए। ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। जांच आदेश में साफ कहा गया है कि यह जांच 18 फरवरी से 23 फरवरी के बीच पूरी करके रिपोर्ट देनी होगी। इन्हीं आदेशों के आधार पर सोमवार को सहायक नियंत्रक वित्त व लेखा कमल कुमार, जिला कल्याण अधिकारी मुख्यालय शिमला हाकम सिंह चौहान इसकी जांच के लिए जोगिंद्रनगर पहुंच गए।
इसकी पुष्टि करते हुए जिला कल्याण अधिकारी लेख राज वैद्य ने कहा कि निचले स्तर पर जांच हो चुकी है। मामला वित्तीय गड़बड़ी का है, जो काफी गंभीर है। उच्च स्तरीय विशेषज्ञ जांच दल अपनी रिपोर्ट निदेशालय को सौंपेगा। अगली कार्रवाई वहीं से होगी। उन्होंने माना कि पात्रों का पैसा गोल हुआ है। इस तरह की किसी भी वारदात को सहन नहीं किया जाएगा। जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।