एमबीएम न्यूज/ऊना
सरकार व जनता के बीच ब्यूरोक्रेसी सेतु की तरह कार्य करती है। सरकार की योजनाओं व नीतियों का क्रियान्वन भी अधिकारियों के माध्यम से ही संभव होता है। अगर अधिकारी सीधे ही गरीब जनता से संवाद करते हैं तो नतीजा तेजी से सामने आ सकता है। मानवीय संवेदनाओं से सरोबार डीसी राकेश प्रजापति ने कुछ इस तरह की मिसाल पेश की है। लंच के लिए कार्यालय से निकल गए थे। अचानक देखा कि मुख्य गेट के बाहर एक महिला गोद में बच्चा लिए खड़ी है। डीसी की भावुकता उस वक्त और बढ़ गई, जब पता चला कि महिला की गोद में पांच साल की दृष्टिविहीन बेटी है।
स्वाभाविक सी बात है कि महिला डीसी के ही दरबार में अपनी पुकार लेकर आई होगी, मगर साहब से मिलने का साहस नहीं जुटा पा रही होगी। महिला की बात सुनने के लिए डीसी ने वाहन रोक दिया। यहां तक की नीचे उतर कर महिला से उसकी समस्या भी पूछी। चूंकि मामला, पुलिस से जुड़ा था लिहाजा खुद ही महिला के साथ एसपी दिवाकर शर्मा के कार्यालय पहुंच गए। डीसी ने स्वयं ही एसपी से महिला को न्याय दिलवाने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि एसपी भी इस बात पर चौेंक गए कि डीसी एक ऐसी महिला को लेकर उनके पास पहुंचे हैं, जिससे न उनकी कोई जान-पहचान है और न रिश्तेदारी। तुरंत एसपी ने महिला थाना की एसएचओ को गगरेट के बडोह की रहने वाली सोनिया देवी पत्नी अविनाश की दिक्कत सुनने को कहा।
डीसी ने मासूम बच्ची की मदद के लिए चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से भी कदम बढ़ाए हैं। इसके तहत बच्ची की एक लाख रुपए की एफडी 18 साल के लिए बनाई गई है, ताकि बच्ची का भविष्य सुरक्षित हो सके। अहम बात यह है कि इस एफडी को खुद डीसी बडोह गांव में महिला को उसके घर पर ही सौंपेगे। बहरहाल अगर इस तरह की सोच हरेक अधिकारी की हो तो लाजमी तौर पर समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
क्या बोले डीसी….
डीसी का कहना है कि पांच वर्षीय बच्ची अनन्या जसवाल की दृष्टिविहीनता का मामला पहले भी संज्ञान में लाया गया था। संयोग की बात थी कि मुख्य गेट पर मिल गई। उनकी कुछ घरेलू दिक्कत थी, जिसके लिए एसपी से भी मुलाकात करवाई गई। प्रशासन प्रयास करेगा कि बच्ची का इलाज भी किया जाए।
महिला बोली….
महिला सोनिया देवी का कहना था कि उन्हें डीसी नहीं, बल्कि एक मसीहा मिल गया। मैंने अपना कष्ट बयान किया तो मन हल्का हो गया। बेटी जन्म से ही दृष्टिहीन है। उन्होंने कहा कि वो ताउम्र डीसी का इस तरह का व्यवहार नहीं भूल पाएंगी।