नाहन (एमबीएम न्यूज़) : सिरमौर जिला में लोगों को डायरिया रोग के फैलने और इसके बचाव सम्बधी उपाय की जानकारी देने हेतू आगामी 27 जुलाई से 8 अगस्त 2015 तक सघन डायरिया पखवाडे का आयोजन किया जाएगा। उपायुक्त सिरमौर बलबीर बडालिया ने सघन डायरिया पखवाडे के प्रबंधों को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते कहा कि बरसात के मौसम में जल जनित बिमारियों के फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है, जिसके लिए जल स्त्रोतों की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होने आईपीएच के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के सभी जल स्त्रोतों में उचित मात्रा में ब्लीचींग पाऊडर तथा क्लोरिन की गोलियां डालना सुनिश्चित करें। उन्होने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में ओआरएस तथा क्लोरिन की गोलियां अविलम्ब उपलब्ध करवाऐं ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रत्येक परिवार तक क्लोरिन की गोलियां का आबंटन हो सके।
उन्होने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि जिला के सभी शिक्षण संस्थानों में प्रातःकालीन सभा में डायरिया के फैलने और रोकथाम के उपाय बारे जानकारी देना सुनिश्चित करें ताकि बच्चों के माध्यम से प्रत्येक परिवार जल जनित बीमारियों से बचाव रखने के लिए एहतियात के तौर आवश्यक उपाय समय रहते कर सके।
उपायुक्त ने कहा कि डायरिया होने की शिकायत अक्सर छोटे बच्चों में पाई जाती है और सभी अभिभावकों का दायित्व बन जाता है कि वह विशेषकर बरसात के दिनों में अपने बच्चों की उचित देखभाल करें और अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बना कर रखे। उन्होने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला के शहरों के स्लम एरिया तथा औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब व पांवटा में झुग्गी झोंपड़ियों में रहने वाले लोगों के लिए विशेष शिविर का आयोजन करके डायरिया से बचाव बारे जानकारी दी जाए।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य और आईसीडीएस विभाग को निर्देश दिए कि पखवाड़े के दौरान महिलाओं को स्तनपान बारे भी जानकारी दी जाए कि मां का दूध शिशु के लिए संजीवनी से कम नहीं होता है जिससे बच्चे का सर्वांगींण विकास सुनिश्चित होता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजय शर्मा ने बैठक में आए सभी अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि जिला मे सघन डायरिया पखवाडे को प्रभावी ढंग से आयोजित किया जाएगा जिसमें आईपीएच, आईसीडीएस, पंचायतों , महिला मण्डल, युवक मण्डलों और गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। उन्होने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि डायरिया होने की स्थिति में रोगी को किसी प्रकार के एंटीबायोटिक न दिए जाए, अपितु ओआरएस के घोल पिलाने बारे ज्यादा से जागरूक किया जाए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त आईसीडीसी, आईपीएच, रोटरी क्लब के पदाधिकारियों ने भाग लिया।