एमबीएम न्यूज/नाहन
अक्सर मरीजों को सुविधा देने में विवादों में रहने वाले डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज की कार्यशैली पर सोमवार को फिर सवाल उठे हैं। कड़कती ठंड के बावजूद एक बेटा अपने पिता को ओपीडी में स्पेशलिस्ट से चैकअप करवाने पहुंचा था। मगर दोपहर 3ः40 बजे ओपीडी स्लिप बनाने से इंकार कर दिया गया। सामने-सामने ही काउंटर के शटर बंद कर दिए गए।
मेडिकल प्रशासन ने तर्क दिया कि ओपीडी की टाईमिंग 3ः30 तक कर दी गई है, लेकिन बुजुर्ग का बेटा पवन इस तरह के किसी निर्णय से अनजान था। यह मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में कॉलेज प्रशासन ने टाईमिंग का नोटिस चस्पा करने के निर्देश भी दे डाले। सवाल इस बात पर उठता है कि अगर एक वरिष्ठ नागरिक कोसों दूर से 5-10 मिनट देरी से पहुंचा भी था तो स्लिप बनाने में क्या परेशानी थी। स्पेशलिस्ट चैकअप करता या न करता, यह तो बाद की बात थी।
सवाल इस बात पर भी है कि अगर टाईमिंग बदली भी गई है तो इसका व्यापक प्रचार-प्रसार क्यों नहीं हुआ। 84 वर्षीय बाबूराम के परिजनों ने जब आपत्ति जताई तो प्रशासन ने जवाब दिया कि कैजुएलिटी में चैकअप करवा लो। उल्लेखनीय है कि कैजुएलिटी में सामान्य चिकित्सक की डयूटी रहती है तो ओपीडी में स्पेशलिस्ट चैकअप करते हैं।
उधर कॉलेज के मेडिकल अधीक्षक डॉ. डीडी शर्मा ने संपर्क किए जाने पर कहा कि गवर्निंग बॉडी ने फैसला लिया है कि ओपीडी की टाईमिंग सुबह 9 बजे से सांय 3ः30 बजे तक रहेंगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग को कैजुएलिटी में चैकअप करवाने की बात कही गई थी। एमरजेंसी की सूरत में विशेषज्ञों की सेवा कॉल पर भी ली जा सकती है।
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