एमबीएम न्यूज़/नाहन
सिरमौर जिला के धार्मिक शहर पावंटा साहिब की धरती से क्रिकेट के क्षेत्र में एक नयाब हीरा निकला है। सुविधाओं का आभाव भी इस खिलाडी को सफलताओं से महरूम नहीं रख पाया। पावंटा साहिब में ट्रफ विकेट न होने के बावजूद इस खिलाडी में क्रिकेट के प्रति जूनून की हद थी। यहां तक कि क्रिकेट के लिए इस खिलाडी ने हिमाचल पुलिस की नौकरी तक दांव पर लगा दी। जी हाँ, हम बात कर रहे है ऑफ स्पिनर व रणजी खिलाडी गुरविंद्र सिंह टोली की।
यह खिलाडी रणजी ट्रॉफी करियर में विकटों के सैकड़ें से मात्र एक कदम दूर है। अब तक वह 29 मैचों में 92 विकेट झटक चुके है। उनकी वापसी के तथ्य भी रोचक है। इस खिलाडी ने तीन साल के अंतराल के बाद रणजी ट्रॉफी में 2016 सीजन में वापसी करते हुए देश के टॉप तीन स्पिनरों मेंजगह बनाई। इस सीजन में उन्होंने 6 मैचों में 21 विकेट झटके। इससे पहले वर्ष 2012 का सीजन भी इस खिलाडी के लिए सफलता से परिपूर्ण रहा। इस दौरान उन्होंने पांच मैचों में 21 विकेट चटकाए थे।
पंजाब के खिलाफ जीत में हीरो बने
मोहाली में आयोजित पंजाब व हिमाचल के मैच में हिमाचल ने पहली बार रणजी ट्रॉफी मैच में पंजाब को एक पारी की तगड़ी शिकस्त दी। जिसमे गुरविंद्र सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरी पारी में 26 ओवर में 43 रन देकर चार विकेट झटके। पहली पारी में भी उन्होंने एक विकेट लिया। पुरे मैच में अपनी फिरकी से सिरमौरी लाल ने विपक्षी बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। हिमाचल को इस मैच में 10 अंक मिले, जो आने वाले रणजी सीजन में हिमाचल के लिए आगे बढ़ने में बेहद सहायक होंगे। पंजाब जैसी मजबूत टीम के साथ इस प्रदर्शन से उनका आत्म विश्वास बेहद ऊंचा है। अब अगले मैच में हिमाचल अपने होम ग्राउंड अमतर में उनसे शानदार प्रदर्शन की आस लगाए बैठे है। पंजाब के साथ उनकी फिरकी खूब चलती है। पिछले सीजन में भी उन्होंने पंजाब के साथ 6 विकेट हांसिल किये थे।
पावंटा को भी बनाया इंटरकॉलेज चैंपियन
टोली के सानिध्य में रहकर इस दफा पावंटा कॉलेज के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन से पहली बार इंटरकॉलेज चैंपियनशिप में सुंदरनगर कॉलेज को हरा कर चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया है। इन सभी खिलाडियों ने क्रिकेट का ककहरा गुरविंद्र सिंह से सीखा।