वी कुमार/मंडी
हिमाचल प्रदेश में वुशु के क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को दिशा प्रदान करने की आवश्यक्ता है जिससे की पूरे विश्व में हिमाचल और भारत का डंका बजाया जा सकता है। यह बात हाल ही में म्यांमार के यंगून में हुई विश्व वुशु कप प्रतियोगिता में भारत के लिए तोलू में सिल्वर मैडल लाने वाले वुशु प्लेयर रजत शर्मा ने कहा रजत ऊना जिला के दौलतपुर के रहने वाले हैं और सेना में कार्यरत हैं। रजत ने देश के लिए दूसरा स्थान हासिल करते हुए सिल्वर मैडल प्राप्त कर प्रदेश व देश का मान बढाया है। इसी के चलते वुशु संघ हिमाचल प्रदेश ने मंडी आईटीआई में रजत के स्वागत के लिए एक समारोह का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में एसी टू डीसी मंडी राज ठाकुर ने रजत को शॉल व टोपी पहनाकर स्वागत किया और रजत को इस उपलब्धि के लिए बधाई भी दी। समरोह के उपरांत मीडिया से बातचीत में रजत शर्मा ने कहा कि वे अभी सेना में हैं। उनके कार्य का श्रेय सेना को जाता है, लेकिन उन्होने आशा जाहिर की है कि आने वाले समय में इस खेल को हिमाचल में और लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार का सहयोग करेगी। उन्होने बताया कि वे 2005 से वुशु खेल रहे हैं। अभी तक उन्होने 11 अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया है। वह 5 मैडल अपने देश के लिए लाने में कामयाब हो पाए हैं।
उन्होने कहा कि अगर प्रदेश सरकार हिमाचल में वुशु को बढावा देने के बारे में कदम उठाते हैं तो वे सेना की नौकरी छोड़ हिमाचल में वुशु के और मेडलिस्टों को बनाने में अपना भरपूर सहयोग देंगे। वहीं म्यांमार में भारतीय टीम के लीडर रहे प्रदेश वुशु संघ के महासचिव पीएन आजाद ने बताया कि अभी तक प्रदेश में 128 मैडल इस खेल में प्राप्त किए जा चुके हैं। उन्होने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग उठाई है कि प्रदेश के मंडी जिला में वुशु की राज्य स्तर की एकेडमी खोली जाए ताकि आने वाले समय में इस खेल को और बढावा दिया जाए।