एमबीएम न्यूज़ /नाहन
शहर के होटल सिटी हार्ट से कूदे या गिरे युवक शुभम सैनी(21) की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक पीजीआई ले जाने के दौरान रास्ते में ही शुभम ने दम तोड़ दिया,लेकिन इसका खुलासा पीजीआई पहुंचने पर ही हुआ। हालांकि पोस्टमार्टम के बाद ही खुलासा हो पाएगा की चोट कहां लगी थी मगर बताया जा रहा है कि सिर में चोट लगने से उसकी मौत हुई। यह जांच का विषय है कि शुभम अचानक ही क्यों होटल की अंतिम फ्लोर से नीचे जा गिरा। यह भी जांच का पहलू यह भी है कि हादसे के वक्त उसके साथ कौन-कौन वहां मौजूद था। घटना से शहर में शोक की लहर है, शुभम खुद भी मिलनसार स्वभाव का था, जबकि दिल्ली गेट के समीप बेकरी चलाने वाले पिता रामकुमार सैनी उर्फ़ रामू भी मिलनसार स्वभाव के हैं। इस घटना से हर कोई स्तब्ध है,पुलिस इस बात की भी जांच कर सकती है कि जहां शुभम अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ था, वहां सीसी कैमरे लगे हुए थे या नहीं।
पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में यह बात सामने आई है कि नीचे रेस्टोरेंट पर शुभम अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ था,अचानक की रेस्टोरेंट की छत पर अकेला ही चला गया, इसके कुछ देर बाद दो दोस्त उसे देखने के लिए ऊपर भी गए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी,क्योंकि शुभम चौगान मैदान के बाबा बनवारी दास पवेलियन के सामने सड़क पर गिर चुका था। शुरुआती जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि ऊपर से गिरने के बाद शुभम तारों में भी उलझा इसके बाद सड़क पर गिरा। पहले यह लग रहा था कि रेस्टोरेंट के बाहर खुले स्पेस में लगी रेलिंग से शुभम दूसरी तरफ नीचे जा गिरा, लेकिन अब धीरे-धीरे जांच में सही तथ्य सामने आ रहे हैं।
उधर पीजीआई चंडीगढ़ ले जाने वाली 108 एंबुलेंस के पायलट राजन व ईएमटी नरेंद्र के मुताबिक नाजुक हालत में शुभम को पीजीआई पहुंचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन बचाया नहीं जा सका। हादसा रविवार रात नौ बजे के आसपास हुआ। गुन्नुघाट चौंकी प्रभारी पदम देव ने पुष्टि करते हुए कहा कि युवक के शव का पोस्टमोर्टम करवाया जा रहा है।
औरो की खुशियों ….
आपकी व बच्चों की खुशियों में हर रोज रामकुमार सैनी शामिल रहते आए हैं, क्योंकि पेशे से बेकरी चलाते हैं। लिहाजा केक बनाने में बेहतरीन कारीगर हैं, इसी कारण हर कोई अपने या बच्चों के जन्मदिन पर केक का ऑर्डर रामू को ही देता है, इससे वह भी अपने ग्राहकों की खुशियों में शामिल होते हैं, लेकिन अपने बेटे शुभम के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हैं। कुदरत ने दूसरों की खुशियों में शामिल होने वाले रामकुमार सैनी को ऐसा जख्म दिया है जिसे शायद वह ताउम्र नहीं भुला पाएंगे। बेटा भी अपने पिता के साथ कारोबार में सहयोग करता था। जानकार बताते है कि गरीबो की मदद करने में रामू सैनी हर समय तैयार रहते है। कई मर्तबा दुकान के बाहर बिठाकर पूरा दिन ही कुछ न कुछ खाने को देते रहते है।