वी कुमार/मंडी
महत्वपूर्ण स्थलों जिनमें पहाड़ों के आंचल में बनी खूबसूरत झीलें भी हैं। सैर-सपाटे के दौरान छोड़ दिए कचरे को साफ करने की मुहिम में जुटी हिलिंग हिमालयाज फाउंडेशन ने मंडी जिले की उतरसाल पर्वतमाला पर समुद्रतल से साढ़े 9 हजार फीट की उंचाई पर स्थित पराशर झील, प्राचीन मंदिर परिसर व इसके आसपास फैंके गए कचरे को उठाने का दो दिन अभियान चलाया। इस अभियान का समापन रविवार को हुआ। यह दो दिवसीय अभियान हिलिंग हिमालयाज फाउंडेशन के संस्थापक एंड प्रोमोटर प्रदीप सांगवान की अगुवाई में 35 सदस्यीय टीम द्वारा चलाया गया। स्थानीय पराशर देवता समिति के सहयोग से इस टीम ने दो दिनों में प्लास्टिक व बोतलों के 70 बैग एकत्रित किए। सारे कचरे को इन बैगों में भरा गया।
अब इन्हें नगर परिषद मंडी के सहयोग से ठिकाने लगाया जाएगा। प्रदीप सांगवान ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पूरे क्षेत्र में उनके 35 वालंटियरों ने एक एक प्लास्टिक के कचरे जिसमें बड़ी तादाद में कांच की बोतलें भी शामिल हैं को बैगों में भरा। अब इस कचरे को मंडी लाकर नगर परिषद मंडी के हवाले किया जाएगा ताकि इसे नष्ट किया जा सके। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था का यह अभियान लगातार जारी रहेगा। अब तक वह हिमालय रीजन के दर्जनों स्थलों को कचरा मुक्त कर चुके हैं। उन्होंने सैलानियों व अन्य धार्मिक श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया कि इन स्थलों को कालांतर तक बचाए रखने के लिए स्वच्छ बनाए रखना जरूरी है। हर व्यक्ति का यह फर्ज है कि वह इस साफ सुथरे वातावरण को गंदे कचरे से बचाए।
इन स्थलों का भ्रमण करते समय अपने साथ लाए खाने-पीने के सामान से बचने वाले कचरे को थैलों में भर कर साथ ले जाकर किसी सही स्थान पर नष्ट कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी मुहिम में स्थानीय लोग व अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं भी जुड़ रही हैं। मगर इनकी भी भागीदारी ज्यादा बढ़ाए जाने की जरूरत है। हर व्यक्ति को स्वयं स्वच्छता दूत बन कर अपने वातावरण को स्वयं साफ करने के लिए आगे आना चाहिए। पराशर देवता समिति के प्रधान बलबीर ठाकुर व गूर पुजारी अमर चंद ठाकुर ने हिलिंग हिमालयाज फाउंडेशन के इस अभियान की सराहना करते हुए इसके लिए आभार भी जताया तथा आगे भी इस तरह के प्रयास जारी रखने का आग्रह किया है।