अमरप्रीत सिंह/सोलन
सोलन के चंबाघाट में स्थित श्मशान घाट में शवों को जलाने के लिए नगर परिषद लकड़ी का प्रबंध नहीं कर पा रही है, जिसकी वजह से शोकाकुल लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आप को बता दें कि श्मशान घाट में तीन शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। स्वर्ग धाम कहे जाने वाले इस अंतिम पड़ाव में लकड़ी ना मिलने से दुखों में डूबे परिजनों और अंतिमयात्रा में शामिल स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
परिजनों को बाहर से लकड़ी मंगवाकर सड़क से धुलाई करके नीचे श्मशान घाट तक स्वयं पहुंचानी पड़ी। जिसकी वजह से शोक में डूबे परिजनों का दुख और भी बढ़ता नजर आया। जो लोग परिजनों के दुखों को बांटने के लिए आए थे, वह इस मौके पर लकड़ी का प्रबंध करने पर मजबूर थे। लोगों ने किसी तरह लकड़ी का जुगाड़ कर शव का दाह संस्कार किया। यही कारण है कि सभी लोगों में जिला प्रशासन के प्रति भारी रोष देखने को मिला। वही इस मौके पर पहुंचे लोगों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि श्मशान घाट को सुंदर बनाने के लिए करीबन एक करोड़ रूपये खर्चे किए जा रहे है।
श्मशान घाट में सबसे जरूरी वस्तु लकड़ी है। उसका प्रबंध करने में प्रशासन बिलकुल पूरी तरह से असफल नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को चाहिए कि वह श्मशान घाट में लकड़ी का प्रबंध करें, ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि उनके साथ लोग बहुत ज्यादा थे। इसलिए वह शव के अंतिम संस्कार के लिए बाज़ार से लकड़ी का प्रबंध कर पाए, लेकिन अगर कोई व्यक्ति जो गरीब हो और लोग भी कम हो तो वह व्यक्ति को अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाएगा। इसलिए प्रशासन को यहां की व्यवस्था बनाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
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