एमबीएम न्यूज/नाहन
सब को आकर्षित करने वाली सिरमौर की वादियां कभी घोड़ों के टापों से थर्राता जाती थी। उस समय कुख्यात डाकू बेडा रांगड़ काले घोड़े पर बैठकर लोगों पर कहर बरपाता था। इस डाकू का इतना खौफ था कि राहगीर डाकू रांगड़ के डर के साय में गुजरते थे। डाकू रांगड़ शहर के सबसे ऊंचे स्थल जहां आजकल ऐतिहासिक मियां मंदिर है, वहां रहता था। कुख्यात डाकू ने यह स्थल इसलिए चुना था कि इस तरफ से उसे पूरे क्षेत्र पर निगरानी रखने में आसानी होती थी और किसी भी भारी आक्रमण के खतरे का आभास पहले ही हो जाता था। डाकू बेडा रांगड़ ने एक लंबे समय तक नाहन में राज किया।
मुसाफिरों को लुटता था कुख्यात डाकू
कुख्यात डाकू बेड़ा रांगड़ सिरमौर के सीमावर्ती क्षेत्रों से गुजरने वाले मुसाफिरों को अचानक हमला कर लूट लेता था। इस लूटपाट में उसके सहयोगी डाकू भी उसका साथ देते थे।
कर्म प्रकाश प्रथम ने किया डाकू रांगड़ का वध
कुख्यात डाकू बेडा रांगड़ का वध सिरमौर के पहले शासक कर्म प्रकाश प्रथम ने किया था। सिरमौर के पहले महाराजा कर्म प्रकाश ने बाबा बनवारी दास के कहने पर नाहन को अपनी राजधानी बनाया था। इससे पूर्व महाराजा कर्म प्रकाश ने कुख्यात डाकू बेडा रांगड़ के साथ एक युद्ध किया था। इस युद्ध में महाराजा कर्म प्रकाश की विजय हुई थी और युद्ध में बेड़ा रागंड मारा गया थ। इसके पश्चात जिस स्थान पर बेड़ा रांगड का अड्डा होता था, वहां 1740 ई0 में बिलासपुर के राजा के मियां मलदेव एवं मियां कुशल देव ने भगवान परशुराम का मंदिर बनाया, जो आज भी वहां विद्यमान है।
दुर्गा माता का भक्त था बेड़ा रांगड
कुख्यात डाकू जहां लोगों के दिल में डर के साए के रूप में रहता था, वही बेडा रांगड़ दुर्गा माता का अनन्य भक्त भी था। बेडा ने त्रिलोकपुर के समीप एक मंदिर भी बनाया था, जोकि लेह माता के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर आज भी त्रिलोकपुर के समीप विद्यमान है। डाकू रांगड़ अक्सर माता मंदिर में माथा टेकने आया करता था।
कच्चा टैंक में था डाकू का भैंसों का तबेला
बेड़ा रांगड़ को दुधारू पशुओं को पालने का भी बहुत शौक था। उसने कच्चा टैंक के समीप भैंसों का एक तबेला बनाया हुआ था, जहां काफी मात्रा में भैंसे से रखी गई थी। जिनसे रांगड़ दूध प्राप्त करता था, यहां उसके साथी डाकू भैंसों की देखभाल करते थे।
शाही परिवार से संबंध रखने वाले कंवर अजय बहादुर सिंह डाकू बेड़ा रांगड़ की सिरमौर के इतिहास में होने की पुष्टि की है।
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