एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में वर्तमान बहु सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी गुरूवार को शुरू हुई। यूजीसी के ऑस्ट्रेलियन और न्यूजीलैंड अध्ययन केेंद्र की ओर से यह संगोष्ठी करवाई जा रही है। इसे लेकर ऑस्ट्रेलिया और भारत के प्रतिनिधियों ने वर्तमान परिदृश्य पर एक दूसरे से विचार सांझा किए। केंद्र के निदेशक प्रोत्र नीलमा कंवर ने संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों में विविधता की उपस्थिति और बहुसांस्कृतिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
प्रारंभिक सत्र की अध्यक्षता करते हुए इंडियन एडवांस स्टडी के डायरैक्टर प्रो. मारकंड आर प्रांजपी ने समाज में वर्तमान बहुसांस्कृतिक उपस्थिति और राजनीतिक पहचान के बीच संबंधों का उल्लेख किया और तीन प्रकार की वर्णात्मक, विचाराधारात्मक और राजनीतिक बहुसांस्कृतिक चुनौतियों का जिक्र किया।
डेनमार्क की लेखिका विरजीनिया जिलियस ने अपने संबोधन में खुद के दोहरे पहचान का उल्लेख करते हुए कहा कि उसकी एक पहचान ब्रिटिश माता-पिता की बेटी के तौर पर है और दूसरी एक आस्टेªलियन युवती के रूप में, क्योंकि उसने अपना युवा काल आस्टेलिया में काटा है। केंद्र के पूर्व निदेशक पंकज के सिंह ने भी इस दौरान अपने विचार रखे।
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