एमबीएम न्यूज / नाहन
चंद रोज में ही बच्चों की झूलों की रिपेयरिंग दम तोड़ गई है। ऐतिहासिक रानीताल गार्डन में नगर परिषद ने करीब दो से तीन सप्ताह पहले ही झूलों की रिपेयरिंग करवाई थी। शहर में बच्चों के मनोरंजन को लेकर एकमात्र रानीताल ही विकल्प है। सनद रहे कि करीब एक से दो महीने पहले एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ऐतिहासिक रानीताल की दुर्दशा को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद नगर परिषद में कुछ हलचल हुई।
झूलों की गुणवत्ता को लेकर तो सवाल हैं ही, लेकिन शहर में उन लोगों पर भी उंगली उठती है, जो बच्चों के झूलों में अपना मनोरंजन करने लगते हैं। अक्सर गई महिलाएं व युवा इन झूलों पर बैठे नजर आते हैैं। कुछ झूलों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इन्हें बंद ही कर दिया गया है, क्योंकि गिरने का जोखिम पैदा हो गया है। गार्डन के तालाब के किनारे भी सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग हो रही है। यह तो गनीमत है कि कोई हादसा नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि सीढिय़ों के किनारे तीन से चार फुट ऊंची रेलिंग होनी चाहिए।
रानीताल पार्क में टूटे झूले।
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