आस्था एवं भक्ति के प्रतीक नौ दिनों तक चलने वाला शारदीय नवरात्र पर्व पूरे देश में आज से शुरू हो गया। राजधानी दिल्ली के कालकाजी, झंडेवालान और छतरपुर सहित विभिन्न शक्तिपीठों और मंदिरों में सुबह से देवी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगनी शुरू हो गई। इसके साथ ही देश के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों एवं शक्तिपीठों में देवी के दर्शनाभिलाषी भक्तों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के बाद माता को धन्यवाद देने और अपनी आस्था प्रकट करने के लिए देवी के भक्त एक नई आशा लिए नवरात्र के दौरान सिद्ध शक्तिपीठों में जाते हैं। हिन्दू मान्यता के मुताबिक विचलित भगवान रुद्र देवी सती के मृत शरीर को लेकर घूमने लगे थे। उनके इस विचलन को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शव के कई टुकड़े कर दिए थे। यही टुकड़े बिखरकर जहां जहां गिरे, वे स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हुए। माना जाता है कि सती के शरीर के 51 टुकड़े आज के भारत,पाकिस्तान तथा नेपाल एवं श्रीलंका में विभिन्न स्थानों पर जा गिरे थे। यही स्थान आगे चलकर 51 शक्तिपीठों के रूप में गिने जाने लगे। इन शक्तिपीठों में देवी के अलग-अलग स्वरूप सर्वमान्य हैं। शारदीय नवरात्रों का विशेष महत्व है इन दिनों गुजरात,महाराष्ट्र इत्यादि शहरों में गरबे की काफी धूम रहती है। ऐसी मान्यता है कि गरबे से मां दुर्गा अति प्रसन्न होती हैं।
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