एमबीएम न्यूज़ / शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मनोनयन आधार पर केंद्रीय छात्र संघ यानी एससीए का गठन कर दिया गया है। एससीए के चारों पदों पर छात्राएं काबिज हुई हैं। विवि में इस बार भी अप्रत्यक्ष चुनाव हुए और एससीए के चारों पदों पर मेटिर आधार पर मनोनयन हुआ। विवि प्रशासन ने बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी की। शिक्षा विभाग की मनीषा को अध्यक्ष, संस्कृत विभाग की दिव्य को उपाध्यक्ष, बायोटेक्नोलॉजी विभाग की विभूति शर्मा को महासचिव और रसायन शास्न की अंकिता को सहसचिव पद पर मनोनीत किया गया है।
विवि के प्रवक्ता ने बताया कि नवगठित एससीए में पीजी प्रथम सेमेस्टर के सोशल साइंस संकाय से अजय कुमार, सीता कुमारी, सपना शर्मा, मिताली माल्टा, रावोलू वेनेऊहेम राज, अवंतिका, आदर्श कुमार, श्वेता राणा, श्रृष्ठि ठाकुर, नीलम कुमारी, दिव्या को विभाग प्रतिनिधि मनोनीत किया गया है। इसी तरह लाइफ साइंस से सुरभि, पूर्णिमा शर्मा, दीपांशी विज, विभूति, शिक्षा विभाग से संतोष कुमारी, सुमित, विधि संकाय से राहुल ठाकुर, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट संकाय से कल्याणी देवी, मीनाक्षी शर्मा, दीपाली, भाषा संकाय से रंजना, कोमल ठाकुर, दीपक कुमार प्रतिनिधि मनोनीत हुए हैं।
परफॉरमिंग एंड विजुअल आर्ट से निखिल जस्वाल, पूर्ण थापा, फिजिकल साइंस से तेजिंद्र कुमार, अंकिता, अंकुश चौहान, अमृत सूद, दीक्षा कुमारी, पर्यावरण विकास एवं सतत अध्ययन संकाय से हिमानी गौतम, इंदु बाला, एशन दहुजा, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के सोशल साइंस संकाय से रीना देवी, अंजु कुमारी, वैशाली, रक्षा देवी, सीमा चंदेल, मीनाक्षी, महिमा चौधरी, लितेश कुमार, सुषमा, कविता देवी, लाइफ साइंस से भारती ठाकुर, अमनजोत कौर, महक धवन और गायत्री महाजन, शिक्षा संकाय से प्रियंका, मनीषा, प्रज्ञा, विधि विभाग से समीक्षा और अंकुश शर्मा, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट से प्रिया, हेमंत, शालिनी, भाषा संकाय से सुनीता कुमारी, कृतिका शर्मा और दिव्या, परफारर्मिंग एंड विजुअल आर्ट से शिल्पा, फिजिकल साइंस से शिल्पा, काजल रानी, दीपिका, पूनम कुमारी, उर्वशी कश्यप, एकता चड्ढा, शिवानी वर्मा, पर्यावरण विकास एवं सतत अध्ययन संकाय में अमित छांजटा को विभाग प्रतिनिधि बनाया गया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में हिमाचल विवि व कॉलेजों में हिंसा के कारण एससीए के प्रत्यक्ष चुनाव बंद कर दिए गए थे। इसके स्थान पर मनोनयन के आधार पर चुनाव करवाने का फैसला प्रशासन ने लिया था। जानकारी अनुसार छात्र संगठनों की आपसी रंजिश के कारण अब तक 600 से अधिक एफआइआर शिमला के थानों में दर्ज हो चुकी हैं। राजनीति के कारण चार छात्रों की भी हत्या हुई है।