वी कुमार/मंडी
सक्रिय राजनीति से दूर हो चुके पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम ने अपने पोते आश्रय शर्मा के लिए मंडी लोकसभा सीट से टिकट के लिए दावेदारी जता दी है। दिल्ली से फोन पर बातचीत के दौरान सुखराम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे अपने पोते आश्रय शर्मा के लिए भाजपा हाईकमान से टिकट की मांग रखेंगे और यदि पार्टी इन्हें टिकट देती है तो वे पूरी सक्रियता के साथ चुनाव प्रचार करके इस सीट को पार्टी की झोली में डालेंगे।
बता दें कि मौजूदा समय में मंडी लोकसभा सीट से भाजपा के राम स्वरूप शर्मा सांसद हैं। ऐसे में अब सुखराम द्वारा दावेदारी जताने के बाद राम स्वरूप शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ज्ञात रहे कि सुखराम का परिवार 2017 के अंत में चुनावों के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ था। सुखराम के बेटे अनिल शर्मा मौजूदा राज्य सरकार में ऊर्जा मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं। सुखराम पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर कई बार मंडी लोकसभा सीट से बतौर सांसद चुनकर संसद पहुंचे और विभिन्न मंत्रालयों में राज्य मंत्री भी रहे। संचार राज्य मंत्री रहते इन्होंने संचार क्रांति लाई जिसके चलते इन्हें संचार क्रांति का मसीहा भी कहा गया।
मंडी लोकसभा सीट पर अपनी अच्छी पकड़ रखने वाले सुखराम अब अपनी इस विरासत को अपने पोते के हवाले करने की सोच रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने पोते के लिए टिकट की दावेदारी जता दी है। पंडित सुखराम का कहना है कि वह टिकट की मांग को पार्टी हाईकमान के पास रखेंगे और यदि टिकट मिलता है तो इस सीट को भारी बहुमत से जीताकर पार्टी की झोली में डालेंगे। सुखराम ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह किसी भी प्रकार की बगावत नहीं करेंगे और पार्टी के साथ ही चलेंगे।
1993 के इतिहास को दोहराना चाहते हैं सुखराम
वर्ष 1993 में सांसद होते हुए सुखराम ने अपने बेटे अनिल शर्मा को मंडी सदर से चुनावी मैदान में उतार कर न केवल विजयी बनवाया बल्कि केंद्र में अपने प्रभाव के चलते मंत्री पद भी दिलवाया था। उसी प्रकार अब अपने पोते को भी सुखराम राजनीति में लाकर स्थापित करने की कोशिश में हैं। पं. सुखराम ने दिल्ली से दूरभाष पर कहा कि उन्होंने बहुत सोच विचार कर भाजपा में जाने का निर्णय लिया है और मोदी का हाथ पकड़ा है। उनके परिवार के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस को चुनाव में भारी नुक्सान हुआ है।
सुखराम ने कहा कि मंडी जिला में पहली बार भाजपा को दस में से नौ सीटें मिली है। उन्होंने अपने विश्वास की छाप छोड़ी है। अगर पार्टी हाई कमान चाहेगी तो लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर भाजपा के पक्ष में प्रचार करूंगा। वहीं पर मंडी से भी अगर पार्टी चाहेगी तो मेरे परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लड़कर भारी मतों से इस सीट को जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि मंडी सदर से 13 चुनाव उन्होंने तथा चार चुनाव उनके बेटे अनिल शर्मा ने जीते हैं। सुखराम ने कहा कि अनिल शर्मा ने सदर विधानसभा क्षेत्र में परिवर्तन लाया है। अब वे मंडी संसदीय क्षेत्र को एक तोहफा देना चाहते हैं।
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