कुल्लू (एमबीएम न्यूज) : पेंशनरों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने जीवन प्रमाणपत्र जमा करवाने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। हिमाचल प्रदेश कोष नियमावली के नियम और वित विभाग द्वारा जारी अनुदेशों के अनुसार पेंशनभोगी जीवन प्रमाणपत्र का फॉरमेट विभाग की वैबसाइट हिमकोष डॉट एचपी डॉट एनआईसी डॉट इन पर उपलब्ध है। वैबसाइट से डाउनलोड करके तथा किसी भी राजपत्रित अधिकारी से हस्ताक्षर करवाकर पैंशनर इसे कोष कार्यालय में जमा करवा सकते हैं।
जिला कोषाधिकारी सुरेंद्र कटोच ने बताया कि जीवन प्रमाणपत्र एनआईसी या कोष कार्यालय जहां बायोमिट्रिक उपकरण उपलब्ध है या फिर सामान्य सेवा केंद्र में भी जमा करवाए जा सकते हैं। जीवन प्रमाण पोर्टल की वेबसाइट में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाकर संबंधित कोष कार्यालय को भेजा जा सकता है। जीवन प्रमाण पोर्टल द्वारा आधार नंबर पर आधारित ऑनलाइन डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
यदि किसी कारणवश कोई पेंशनर जीवन प्रमाण पोर्टल की वैबसाइट से जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त न कर पाए तो वह जीवन प्रमाणपत्र के साथ आधार की कॉपी भी संलग्न कर सकते हैं, ताकि आधार को ई-पेंशन के साथ जोड़ा जा सके।
कटोच ने बताया कि जीवन प्रमाण पोर्टल या आधार नंबर के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करके ई-पेंशन से जुड़ने वाले पेंशनरों को भविष्य में स्वयं कोष कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं रहेगी। वे भविष्य में जीवन प्रमाण पोर्टल की वैबसाइट पर जाकर अपने आपको बायोमिट्रिक प्रणाली से प्रमाणित करवा सकते हैं। जीवन प्रमाण पोर्टल पर बायोमिट्रिक सत्यापन एक साल तक वैध होगा।
इसके अतिरिक्त पेंशनर पारिवारिक पेंशनभोगी की जन्मतिथि भी कोष कार्यालय में जमा करवा दें। वे इसके लिए पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस या मैट्रिक प्रमाणपत्र या चुनाव पहचान पत्र की एक प्रतिलिपि पर पीपीओ नंबर लिखकर जमा करवाएं।