वी कुमार/मंडी
प्रसूता आशा देवी की मौत मामले की न्याययिक जांच की मांग उठी है। यह मांग उठाई है अखिल भारतीय जनवादी नौजवान सभा ने। वीरवार जो सभा के सदस्यों ने जोनल अस्पताल मंडी के प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सभा का कहना है कि प्रसूता आशा देवी की मौत मामले की न्याययिक जांच होनी चाहिए। इसके परिजनों को चार गुणा मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही अस्पताल में पसरी अव्यवस्थाओं को भी सुधारा जाए ताकि भविष्य में फिर किसी के साथ ऐसी घटना न घटे।
बता दें कि 27 वर्षीय आशा देवी सराजघाटी के सोमनाचन की रहने वाली थी। 20 अगस्त को उसे डिलिवरी के लिए जोनल अस्पताल मंडी में भर्ती करवाया गया। डाक्टरों ने नॉर्मल डिलिवरी का हवाला दिया। लेकिन 23 अगस्त को काम्पलिकेशन होने के कारण प्रसूता का सिजेरियन करना पड़ा।
सिजेरियन के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई और उसे शिमला रैफर कर दिया गया। परिजन कुछ ही दूरी बाद चक्कर के पास एक नीजि अस्पताल में प्रसूता को जांच के लिए ले गए। यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि करीब आधा घंटा पहले उसकी मौत हो चुकी है।
इस मामले के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डाक्टरों की एक टीम बनाकर जांच तो बैठा दी है। मगर डीवाईएफआई पूरे मामले की न्याययिक जांच की मांग उठा रही है। डीवाईएफआई के जिला सचिव महेंद्र राणा ने कहा कि पूरे मामले की न्याययिक जांच की जाए और प्रभावित परिवार को चार गुणा मुआवजा दिया जाए।