नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश का युवा वर्ग इस समय नशे की चपेट में बुरी तरह से फंस गया है। नशा कई परिवारो के चिराग बुझा चुका है। मंडी जिला के सुंदरनगर के विभिन्न क्षेत्रो में नशा माफिया पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। इनके चंगुल में युवाओं सहित स्कूली छात्र भी है।
दिन-प्रतिदिन नासमझ बच्चों को नशा माफिया अपने चंगुल में फांसता जा रहा है। मगर इस संदर्भ में पुलिस व प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। अभी तक जमीनी स्तर पर कोई भी ठोस कदम इसकी रोकथाम के लिए नहीं उठा पाए है। पुलिस द्वारा नशे पर अभी तक चलाए गए अभियान भांग के पौधे उखाड़ने व भाषण देने तक सीमित है। पुख्ता जानकारी अनुसार नशा माफिया ने क्षेत्र में बकायदा ठिकाने बना रखे है। जहा युवा सामूहिक तौर पर नशे का सेवन करते है।
इन ठिकानो के लिए बकायदा कोडवर्ड रखे गए है। जिसमे मजनू का टिल्ला, तांत्रा नगरी, गेस्ट हाऊस व कुटिया प्रमुख है। इन कोड वर्ड से ही पार्टी का स्थान निर्धारित किया जाता है। एक बार में पांच से दस युवा इस पार्टी में भाग लेते है। यह पार्टीया सुबह से देर रात तक चली रहती है। जहां पर भांग, अफीम, हिरोईन/चिट्टा व नशे के कैप्सूल का जम कर सेवन होता है।
स्थानीय सामाजिक संस्था वसुधा के अध्यक्ष सूरज धीमान ने प्रदेश सरकार, प्रशासन व पुलिस से मांग कि है युवा पीढ़ी को नशे में धकेलने वालों के खिलाफ़ जमीनी स्तर पर अभियान चलाया जाए। नशे में लिप्त युवाओं को इससे मुक्ति दिलाने के लिए इनकी पहचान करवा परिजनों सहित कॉउंसलिंग की जाए।