सोलन (एमबीएम न्यूज): माउंट लिट्रा जी बॉर्डिंग स्कूल अर्की को ऐसे गरीब बच्चों की तलाश है, जिनके परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। स्कूल प्रबंधन वर्ग पिछले काफी समय से गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले बच्चों की तलाश तो कर रहा है, लेकिन उन्हें ऐसा एक भी बच्चा आज तक नहीं मिल पाया है जोकि सरकार के आरटीई एक्ट-2009 (फ्री जरूरी शिक्षा का अधिकार कानून) की गाइड लाईन की शर्तों को पूरा करता हो। हालांकि स्थापना के मात्र एक वर्ष के भीतर माउंट लिट्रा जी बोर्डिंग स्कूल अर्की को सीबीएसई ने मान्यता प्रदान कर दी है।
यह बात गुरूवार को सोलन में आयोजित एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए माउंट लिट्रा जी बोर्डिंग स्कूल अर्की के डायरेक्टर चेतन शर्मा ने कही। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में माउंट लिट्रा जी बोर्डिंग स्कूल अर्की को शुरू किया गया था। कई चुनौतियों से संघर्ष करते हुए व अथक प्रयासों से केवल एक वर्ष के भीतर सीबीएसई ने स्कूल को अपनी मान्यता प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि संस्थान का सीबीएसई कोड 630195 है जिसे कोई भी ऑनलाईन जांच कर सकता है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में ग्रुप ऑफ माउंट लिट्रा जी स्कूल का प्रथम स्कूल खुला है। अर्की निर्वाचन क्षेत्र में डीएवी अंबुजा निकेतन के बाद माउंट लिट्रा जी बोर्डिंग स्कूल है जिसे सीबीएसई ने मान्यता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गुणवत्ता परख शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास करना है। उन्होंने बताया कि छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए स्कूल का पाठ्यक्रम जी लर्न की उत्कृष्ट ई-लर्निंग पद्धति पर आधारित है। इस पद्धति के मुताबिक बच्चों को भारी-भरकम बैग का बोझ उठाने से छुटकारा मिलेगा, वहीं घर जाकर होमवर्क करने की भी टेंशन नहीं रहेगी।
उन्होंने बताया कि ग्रुप ऑफ माउंट लिट्रा जी स्कूल को 5वां नेशनल अवार्ड एक्सीलेंस इन एजुकेशन-2015 से स मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि स्कूल के पास पर्याप्त मात्रा में भवन की सुविधा है। इसके अलावा खेलकूद गतिविधियों के लिए अपना मैदान है व पर्याप्त मात्रा में छात्रावास की सुविधा भी है। यह पूछे पर कि माउंट लिट्रा जी बोर्डिंग स्कूल में आरटीई एक्ट-2009 के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा प्रदान की जा रही है या नहीं।
इस पर डायरेक्टर चेतन शर्मा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को ऐसा एक भी पात्र बच्चा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आरटीई एक्ट-2009 की गाइड लाईन को फोलो करने के लिए स्कूल प्रबंधन कृतसंकल्प है तथा इस दिशा में पात्र बच्चों की खोजबीन जारी है। गौर रहे कि आरटीई एक्ट में सभी निजी स्कूलों को 25 फिसदी गरीब बच्चों को मु त शिक्षा प्रदान करने की स त हिदायत दी गई है। इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल विनोद कार्की, एकाउंट मैनेजर एस.साची भी उपस्थित थे।