नाहन (रेणु कश्यप) : सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में सेक्टर-13 नहीं है। लेकिन नाहन शहर में 13 वार्ड हैं। अंकगणित में जहां 7 नंबर को शुभ माना जाता है, वहीं 13 को अनलक्की करार दिया जाता है। अब वक्त आ गया है कि जब नाहन पर से 13 के अंक का साया हट जाएगा।
पहले भी विकास में पिछडऩे का कारण सिरमौर को नटनी का शाप माना जाता है। अब अशुभ नंबर 13 ने भी शहर के विकास को रोका हुआ था या नहीं, यह बात तो दावे से नहीं कही जा सकती। अलबत्ता इतना जरूर है कि देश की सबसे पुरानी नगर परिषद में वार्डों की संख्या 13 से बढक़र 15 करने का खाका तैयार हो गया है।
कलकत्ता के बाद देश की दूसरी नगर परिषद नाहन की झोली में बेशुमार अचल संपत्ति है। लेकिन विडंबना यही रही है कि इसका सही दोहन नहीं हो पाया। तकरीबन 11 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली नाहन नगर परिषद में जरजा का क्षेत्र भी शामिल हो चुका है। फिलहाल इस क्षेत्र के लोग न ही शहरी है और न ही ग्रामीण। इस साल के अंत में पंचायतों के साथ-साथ शहरी निकायों के चुनाव भी होने हैं। लिहाजा इसी कारण वीरवार से डी-लिमिटेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
एसडीएम टाशी संदुप की मौजूदगी में एक बैठक हुई। इस बैठक में तय हुआ कि शहर में वार्डों की संख्या 13 की बजाए 15 होनी चाहिए। अब नाहन शहर की आबादी 28 हजार के आसपास है। इसी कारण दो नए वार्ड नहीं बन सकते थे। 30 हजार की आबादी से ऊपर दो नए वार्ड बनाए जा सकते हैं। अब इसमें अगर जरजा व सैन्य क्षेत्र को शामिल किया जाए तो आबादी का आंकड़ा 30 हजार से ऊपर हो जाएगा। इस सूरत में दो नए वार्ड बनाए जा सकते हैं।
इस वक्त शहर में घरों की संख्या 9 हजार के आसपास है। दो वार्डों के बढ़ जाने से यह संख्या भी 10 से 11 हजार के बीच पहुंच जाएगी। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी ने बताया कि डी-लिमिटेशन की इस बैठक में तीन पार्षदों के अलावा तमाम पार्षद मौजूद थे। इसमें डी-लिमिटेशन को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि दो वार्डों को बढ़ाने का प्रस्ताव जल्द ही एसडीएम को भेजा जाएगा।