एमबीएम न्यूज़/शिमला
बहुचर्चित युग अपहरण व हत्याकांड मामले में मंगलवार को भी दोषियों की सजा पर फैसला नहीं हुआ। न्यायाधीश ने 26 जुलाई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय चक्कर में न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत में मामले को लेकर सुनवाई हुई। जिसके बाद सेशन जज ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रखा है। अब युग के परिजनों को इस दिन इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
युग हत्याकांड के तीन मुख्य आरोपितों तेजेंद्र सिंह, चंद्र शर्मा और विक्रांत बक्शी पिछले दो वर्षों से जेल में हैं, लेकिन अब तक सजा नहीं सुनाई गई। इन तीनों को आज कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया था।
तीनों आरोपी सम्पन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। चार साल पहले 14 जून 2014 को इन्होंने चार वर्षीय मासूम युग का अपहरण किया था और बड़ी बर्बरता से बच्चे की हत्या कर डाली। युग राम बाजार के कारोबारी विनोद कुमार का पुत्र था। वहीं आरोपी युग के पड़ोसी थे। इस केस की शुरुआती तफ़्तीश स्थानीय पुलिस ने की। लेकिन कामयाबी नहीं मिलने पर मामला सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया।
सीआईडी ने अगस्त 2016 में हत्याकांड मामले को सुलझाते हुए इन तीनों को गिरफतार किया था। आरोपियों की निशानदेही पर सीआईडी ने युग के अवशेष शहर के भराड़ी स्थित पेयजल टैंक से बरामद किए, तो पूरा शहर अचंभित रह गए। लोगों ने सड़कों पर उतरकर आरोपियों के लिए फांसी की मांग की।
तत्कालीन वीरभद्र सरकार के आदेश पर यह मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चला। कोर्ट में करीब 15 मॉन चके ट्रायल के दौरान 100 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज हुए।