एमबीएम न्यूज़ /नाहन
हरियाणा से सटे देवभूमि के सीमांत इलाकों से मिट्टी को बेचने का गोरखधंधा भी चल रहा है। दरअसल पड़ोसी राज्य में मिट्टी की काफी डिमांड रहती है इसी कारण देवभूमि से मिट्टी बेच दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक कालाअंब के एक नामी फार्मा उद्योग ने यूनिट विस्तार के तहत करीब सौ बीघा भूमि में पहाड़ की खुदाई का कार्य कुछ समय पहले शुरू किया था। बताया जा रहा है कि फार्मा उद्योग का मालिक हरियाणा के अंबाला का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक यूनिट विस्तार की अनुमति न होने के बावजूद उद्योग ने पहाड़ की मिट्टी खोदना शुरू कर दी। इसके बाद इस मिट्टी को हरियाणा में सप्लाई किया जाने लगा, यहां तक भी बताया जा रहा है कि हरियाणा के सढौरा कस्बे में एक सड़क के निर्माण में इस मिट्टी का इस्तेमाल हुआ है।
प्रदेश के माइनिंग एक्ट के मुताबिक पहाड़ों की मिट्टी को बहारी राज्यों में नहीं भेजा जा सकता, इसका इस्तेमाल खुदाई वाली जगह पर ही होना चाहिए। लिहाजा खनन विभाग ने वीरवार को साइट पर अचानक दबिश देकर मिट्टी से लदे दो ट्रकों को पकड़ा, जिसके चालान कर दिए गए हैं , साथ ही मालिक का पता लगाने के लिए राजस्व विभाग से पत्राचार किया है। सूत्रों के मुताबिक मालिक का पता लगने के बाद ही खनन विभाग आगे की कार्यवाही करेगा।
आप यह भी सोच रहे होंगे कि पड़ोसी राज्य में मिट्टी की डिमांड क्यों रहती है, हरियाणा के नारायणगढ़ व जगाधरी क्षेत्रों में ईंट के भट्टे लगे हुए हैं,जिसमें मिट्टी का इस्तेमाल होता है,यहां तक की सड़कों के किनारे खेतों की गहराई भी 3 से 4 फुट नीचे चली जाती है, क्योंकि लोग ईंट के भट्टों मिट्टी को बेच देते हैं। जिला खनन अधिकारी सुरेश भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा है कि हिमाचल से मिट्टी की खुदाई कर इसे बिना अनुमति के दूसरे राज्य में नहीं भेजा जा सकता। यह भी अवैध खनन की परिभाषा में ही आएगा। उन्होंने कहा कि मौके पर विभाग को मिट्टी से लदे दो ट्रक मिले हैं। मालिक की जानकारी मिल जाने के बाद यह भी निरीक्षण किया जाएगा कि पहाड़ों से कितनी मिट्टी खोदी गई और इसका इस्तेमाल कहां हुआ है। बहरहाल एमबीएम न्यूज नेटवर्क को हरियाणा में सड़क के किनारे लगे मिट्टी के ढेरों की तस्वीरें मिली है।