मोक्ष शर्मा/नाहन
कमाल देखिए, मंगलवार को राजगढ़ उपमंडल के चुरुवाधार में पर्यावरण संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कसीदे पढ़ रहे थे, वहीं शहर की खूबसूरत सैरगाह विला राऊंड में चीड़ के दर्जनों पेड़ों का कत्ल करने के बाद जेसीबी मशीन चलाई जा रही थी। आईपीएच के एससी कार्यालय के समीप पेड़ों के कटान को पर्यावरण सोसायटी ने अवैध करार दिया था।
डीसी ललित जैन, जो खुद अपने कार्यालय में पौधें बांट कर पर्यावरण का संदेश दे रहे हैं, ने पर्यावरण सोसायटी के प्रतिनिधिमंडल को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था। प्रशासन समेत वन विभाग के आलाधिकारीे सीएम के कार्यक्रम में मौजूद थे, वहीं मुख्यालय मेें पेड़ों के कटान के बाद धड़ल्ले से जेसीबी मशीन चलाकर प्लॉट को समतल किया जा रहा था। 1621 में बसे नाहन शहर की एक खूबसूरती यह है कि चारों तरफ चीड़ के जंगल हैं। इसमें से सबसे आकर्षक विला राऊंड है।
सवाल इस बात पर उठता है कि सरकारी महकमों के कार्यालयों को बनाने के लिए केवल इसी जगह को क्यों चुना गया। विला राऊंड का एक बड़ा हिस्सा राज परिवार की संपत्ति है, ऐसे में अगर सरकारी महकमे ही पेड़ों का कटान कर बहुमंजिला इमारतें बनाएंगे तो निजी भू-मालिकों को कटान की मंजूरी देने के लिए कैसे इंकार कर सकेंगे।
निजी संपत्ति में एक पेड़ काटने की अनुमति के लिए एसडीएम के नेतृत्व में कमेटी बनती है। लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि विला राऊंड में दर्जनों हरे पेड़ काटने की इजाजत कैसे दे दी गई। अगर गौर किया जाए तो नगर परिषद भी सरकारी महकमों के लिए उपयुक्त जगह पर भवन बना सकती है।
हालांकि पेड़ों के कटान का मामला पहले भी सुर्खियों में आ चुका है, लेकिन अब तक विभाग तो खामोश है ही, बल्कि इसके विपरीत कार्य धड़ल्ले से चला हुआ है।