एमबीएम न्यूज / पांवटा साहिब
गुरबत में जीवन का खतरा मोल लेना पड़ता है। ऐसे में कई बार जिंदगी से भी हाथ धो लिया जाता है। सोमवार को ट्रांसगिरि क्षेत्र के रहने वाले 14 साल के सुनील कुमार की जामुन के पेड़ से गिरने पर मौत हो गई थी। हर कोई यही सोच रहा था कि सुनील उर्फ गोलू जोखिम उठाकर पेड़ पर खाने के लिए जामुन तोडऩे चढ़ा था। लेकिन नया पहलू सामने आया है।
गरीब मां-बाप का बेटा सुनील पेड़ पर अपने लिए जामुन नहीं तोड़ रहा था, बल्कि बेच कर चंद किलो राशन लेना होगा। गरीबी के कारण बालक पैसे कमाने के लिए कुछ न कुछ काम करता रहता था। मां कंपनी में दिहाड़ी करती है तो पिता सतौन मेें दर्जी की दुकान में काम करता है। आप यह भी जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि भाई भी नदी में फैंके गए पैसों को एकत्रित करता था। इसी कारण उसकी भी एक साल पहले नदी में डूबने से मौत हो गई थी।
रुंधे गले से बालक की मां रीता देवी ने बताया कि बेटा जामुन तोड़ कर बेचता था, ताकि कुछ आमदनी हो जाए। उल्लेखनीय है कि परिवार की ऐसी स्थिति नहीं थी कि एक व्यक्ति की आमदनी से गुजर-बसर चलता। लिहाजा हरेक सदस्य को हर रोज चंद रुपए कमाने के लिए कोशिश करनी पड़ती थी। कोटापाब का परिवार दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में जिंदगी से खिलवाड़ करता रहा। इसी कोशिश में दोनों बेटों ने अपनी जान गवां दी। इतना ही नहीं, गरीब मासूम की मौत के बाद सरकारी इंतजामों का घिनौना चेहरा सामने आया है।
अंदेशा यह भी जाहिर किया जा रहा है कि बालक को पेड़ पर चढऩे के साथ ही बिजली की एचटी लाइन से करंट लगा होगा, इस कारण फिसलकर नीचे जा गिरा। अस्पताल में कई सरकारी वाहन मौजूद थे, लेकिन बालक के शव को स्ट्रेचर पर उठाकर शवगृह तक ले जाया गया। शहर में शव का जुलूस निकाला गया। गौरतलब है कि अस्पताल में तीन शव वाहन खस्ताहाल पड़े हैं। अब गरीब माता-पिता के पास केवल एक मासूम बेटी बची है।
ऐसी खुली पोल…
शहर में दुर्घटनाएं नियमित हो चुकी हैं। लेकिन सवाल भी उठ रहे हैं। नगर परिषद व बिजली बोर्ड अगर संयुक्त तौर पर एचटी लाईन की ऊंचाई बढ़ा चुका होता तो शायद मासूम की जान न जाती।
कहां है सरकार की योजनाएं…
गरीबों के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे करती है। बच्चों की पढ़ाई से खाने का इंतजाम तक करने की बात कही जाती है। मकान बनाने के लिए अनुदान राशि तो बीपीएल परिवारों को सस्ता राशन, गैस सिलैंडर दिए जाने की बातें की जाती हैं। लेकिन शायद इस परिवार को कुछ नहीं मिल रहा था।