एमबीएम न्यूज़/शिमला
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ख़िलाफ़ फ़ेसबुक पर टिप्पणी को लेकर मंडी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने संबंधी दायर की गई याचिका में अदालत ने आपराधिक कार्रवाई के साथ प्राथमिकी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने एफआईआर को खारिज करते हुए शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता पूर्ण चंद को भी कड़ी फटकार लगाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रहे आय से अधिक मामले में सीबीआई से संबंधित एक पोस्ट सोशल मीडिया में शेयर करने के आरोप में पुलिस ने हमीरपुर से सम्बंधित एक हिन्दी दैनिक के पत्रकार रजनीश शर्मा के विरुद्ध अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया था। मंडी पुलिस ने आरोपी को थाने तलब कर पूछताछ की थी।
इसके बाद पूर्ण चंद की शिकायत को आधार मानकर पत्रकार के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर नम्बर 272/2015 दर्ज की गयी । पुलिस की इस करवाई का विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं व पत्रकार संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था । प्रदेश के कई प्रेस क्लबों ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर कुठाराघात माना था। कोर्ट ने कांग्रेस नेता पूरन चंद की शिकायत को पूर्वाग्रह से ग्रस्त मानते हुए नकार दिया व मंडी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नसीहत दी कि वह किसी के भी ख़िलाफ़ आपराधिक मामले बिना किसी आधार के दर्ज नहीं करवा सकता। मंडी के कोर्ट नम्बर चार में विचाराधीन याचिका के लंबित समय के दौरान पुलिस द्वारा आपत्तियां दर्ज की गईं जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर शिकायतकर्ता की सभी दलीलों को ख़ारिज कर दिया।
इस बारे में रजनीश शर्मा का कहना है कि वह कोर्ट के फ़ैसले से ख़ुश है और सच्चाई की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ़्तारी को लेकर फैलाई गई अफ़वाहें एक सोची समझी साज़िश थी व अब कोर्ट के फ़ैसले से उन्हें राहत मिली है।