एमबीएम न्यूज़ /पावंटा साहिब
उतरी भारत का प्रसिद्ध एवं पारंपरिक माता भंगायणी मेला आज के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल हरिपुरधार में माता की छड़ी यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। उपायुक्त ललित जैन ने माता भंगायणी के प्राचीन मंदिर हरिपुरधार से छड़ी यात्रा का विधिवत नेतृत्व किया गया। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों एवं माता के जयघोष के साथ समूचा क्षेत्र गूंज उठा। इससे पहले उपायुक्त द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना भी की गयी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर लोगों को मेले की शुभकामनाऐं देते हुए उपायुक्त ने कहा कि हरिपुरधार में माता भंगायणी का प्राचीन मंदिर उतरी भारत में एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ ही नहीं बल्कि एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के मानचित्र पर अपनी दस्तक दे चुका है। उन्होने कहा कि हर वर्ष लाखों की तादाद में लोग प्रदेश से ही नहीं अपितु देश व विदेश से श्रद्धालु एवं पर्यटक इस रमणीक स्थल पर पहुँच कर माता के आर्शिवाद के अतिरिक्त हिमालय की हिमच्छादित पर्वत श्रंखलाओं और चूड़धार की मनोरम घाटियां का आन्नद लेते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि जिला के पर्यटन सर्किट में जिला के सभी प्राचीन मंदिरों एवं अनछुए स्थलों को शामिल किया गया है ताकि पर्यटक माता श्री रेणुकाजी झील के दर्शन के उपरांत तपे का टीला और हरिपुरधार में पहुंचकर प्रकृति की नैसर्गिक छटा का भरपूर आन्नद उठा सके। उन्होने कहा कि जिला में पर्यटन की अपार संभावनाऐं मौजूद है और जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अधिकांश मेलों का आयोजन स्थानीय पीठासीन देवता के नाम पर मनाए जाते है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला के पर्यटन सर्किट में जिला के सभी प्राचीन मंदिरों एवं अनछुए स्थलों को शामिल किया गया है ताकि पर्यटक माता श्री रेणुकाजी झील के दर्शन के उपरांत तपे का टीला और हरिपुरधार में पहुंचकर प्रकृति की नैसर्गिक छटा का भरपूर आन्नद उठा सके। उन्होने कहा कि जिला में पर्यटन की अपार संभावनाऐं मौजूद है और जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अधिकांश मेलों का आयोजन स्थानीय पीठासीन देवता के नाम पर मनाए जाते है।
जोकि लोगों की आस्था एंव श्रद्धा के परिचायक हैं और इन मेलों मेें संबधित क्षेत्र की संस्कृति एवं सभ्यता की झलक देखने को मिलती है। उन्होने कहा कि जिस प्रकार युवाओं का रूझान पाश्चातय सभ्यता की ओर बढ़ रहा है यह चिंता का विषय है। उन्होने कहा कि जब समाज की संस्कृति के मूल्यों का ह्नास होना आरंभ हो जाता है तो वह समाज ज्यादा समय तक अस्तित्व में नहीं रह सकता है। उन्होने कहा कि मेले एवं त्यौहारों के आयोजन से जहां युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति का बोध होता है।
वहीं पर ऐसे आयोजनों से लोगों में आपसी प्यार, स्नेह, पारस्परिक सहयोग, की भावना उत्पन्न होने से राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को बल मिलता है। मेला समिति के प्रधान एसआर राणा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कहा कि अतीत से यह मेला आयोजित किया जा रहा है और पहले यह मेला हरिपुरधार बाजार मेे मनाया जाता था परन्तु समय के साथ इस मेले की बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब यह मेला बाजार के साथ एक मैदान में मनाया जाने लगा है। उन्होने कहा कि पांच मई को मेले के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेगें ।