एमबीएम न्यूज/शिमला
देश के बहुचर्चित गुडिय़ा रेप व मर्डर मामले में सीबीआई ने हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है। लताड़ मिलने के बाद सीबीआई के वकील ने आज मीडिया से कोई बात नहीं की। लेकिन मिल रही जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने कोर्ट को कहा है कि यह अंतिम स्टेटस रिपोर्ट है। आरोपी के खिलाफ 90 दिन के भीतर चार्जशीट पेश कर दी जाएगी।
कोर्ट ने 8 मई को सीबीआई के निदेशक को शपथपत्र सौंपने के आदेश दिए थे। इसी के बाद कोर्ट यह तय करेगा कि निदेशक को तलब किया जाए या नहीं। हालांकि सीबीआई ने अधिकारिक तौर पर अंतिम स्टेटस रिपोर्ट के बारे में अब तक कुछ नहीं बोला है, लेकिन अगर यह मान लिया जाए कि चरानी ही गुडिय़ा का हत्यारा है तो सस्पेंस इस बात पर भी पैदा हो जाता है कि क्या गुडिय़ा का गैंगरेप नहीं हुआ।
दूसरा सवाल प्रदेश की जनता सीबीआई से यह भी जानना चाहती है कि अगर चरानी ही गुनाहगार था तो हिमाचल पुलिस ने उसे बचाने के लिए बेगुनाहों को क्यों सलाखों के पीछे धकेल दिया था। सनद रहे कि हिमाचल पुलिस पर रसूखदारों को बचाने के आरोप लगे थे। इसी बात को लेकर मामले ने इस कद्र तूल पकड़ा था कि राज्य सरकार ने सकते में आकर न केवल एसपी-डीसी बदले बल्कि मामला सीबीआई के हवाले भी कर दिया। बुधवार सुबह भी सीबीआई ने आरोपी को 10 बजे से पहले ही कोर्ट में पेश कर दिया।
कुल मिलाकर मामला सीधी लाइन की तरह साफ होने की बजाय उलझता हुआ नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में अब सीबीआई की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। एक सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि चरानी की पहचान छिपाने के लिए सीबीआई ने कड़ी मेहनत क्यों की।