एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल पथ परिवहन निगम में कौशल विकास भत्ते पर लगाए गए सैंकड़ों परिचालक सोमवार को हड़ताल पर चले गए। ठोस नीति की मांग को लेकर इन परिचालकों द्वारा बीते शनिवार से शिमला में विधानसभा के बाहर क्रमिक अनशन किया जा रहा है। लेकिन सोमवार को आंदोलनरत परिचालक एक साथ हड़ताल पर चले गए। इस वजह से प्रदेश के कई रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवा बाधित रही।
बेरोजगार प्रशिक्षित परिचालक संघर्ष समिति के बैनर तले परिचालक आंदोलन कर रहे हैं। संघर्ष समिति के अध्यक्ष जीत सिंह नेहटा ने दो टूक कहा है कि जब तक सरकार व प्रबंधन परिचालकों के लिए ठोस नीति नहीं बना देता, तब तक उनका अनशन व हड़ताल जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी कौशल विकास योजना में लगे प्रशिक्षित परिचालकों को नियमित किया गया है और हिमाचल सरकार भी ऐसी पहल कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार उन्हें नियमित करने में असमर्थ है तो वे कमीश्न पर भी काम करने को तैयार हैं। लेकिन सरकार उनके भविष्य के लिए कुछ तो सोचे। उन्होंने आरोप लगाया कि कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण के नाम पर निगम प्रबंधन ने बेरोजगारों का शोषण किया है।
लंबे समय तक एचआरटीसी में सेवाएं देने के बाद, जब प्रशिक्षित परिचालक ठोस नीति की मांग कर रहे हैं तो सरकार व निगम प्रबंधन ने चुप्पी साध ली है। उन्होंने कहा कि पहले प्रशिक्षित परिचालकों को एक घंटे की एवज में 15 रूपये दिया जाता था, जो अब बढ़ाकर 25 रूपये किया गया है, लेकिन यह भी नाकाफी है।
उनका कहना है कि दिन में वे मुश्किल से 120 रुपए ही कमा पाते हैं और इतने रुपये तो उन्हें खाने और चाय इत्यादि में ही खर्च हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को अपनी मांगों को लेकर वे राज्य सचिवालय के बाहर धरना देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही सरकार और निगम ने उनकी मांगों पर गौर नहीं फरमाया तो उन्हें आमरण अनशन पर मजबूर होना पड़ेगा।