एमबीएम न्यूज़ / शिमला
सिरमौर जिले के औद्योगिक कस्बे पांवटा साहिब स्थित इंडियन टैक्नोमेक कंपनी में हुए हजारों करोड़ के घोटाले के दोषियों पर सरकार किसी भी सूरत में रियायत नहीं बरतेगी और इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। कंपनी ने 2200 करोड़ का टैक्स चोरी किया है और इसकी पूरी वसूली कंपनी से ही की जाएगी। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और दो लोग गिरफतार हुए है।
यह जानकारी उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने मंगलवार को विधानसभा में दी। प्रश्नकाल के बाद माकपा विधायक राकेश सिंघा ने नियम- 67 में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत यह मामला उठाया। सिंघा ने कहा कि यह केवल सिरमौर जिले के लिए ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए शर्मनाक है कि कंपनी ने इतने बड़े स्तर पर घपला किया है और दोषी बड़े आराम से फरार हो गए।
सिंघा ने आरोप लगाया कि अफसरशाही, राजनीतिज्ञों व औद्योगिक धरानों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है और यह 6 हजार करोड़ का है। सिंघा ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज करने पर भी सवाल खडे किए और कहा कि पहली एफआईआर साल 2016 में दर्ज कर ली गई थी, लेकिन फिर भी कोई जांच अमल में नहीं लाई गई।
इसका जवाब देते हुए उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा कि पहली एफआईआर के बाद कंपनी के एजीएम विवके गुप्ता को 25 सितंबर 2016 को गिरफतार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे केस में कंपनी के एमडी व मालिक राकेश शर्मा सहित चार अन्य निदेशक भी आरोप हैं। मंत्री ने सदन को आश्वसत किया कि सरकार इस केस में ढील नहीं बरतेगी और डिफाल्टर के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन आरोपियों से सरकार ने नियमों के तहत वसूली के लिए इनकी चल-अचल संपत्ति को कुर्क करके उनके मूल पंजीकरण प्रमाण पत्र को जब्त कर लिया है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि इस मामले में पहले ही काफी विलंब हुआ है।