शिलाई (एमबीएम न्यूज): ट्रांसगिरि के शिलाई उपमंडल के मांगनल गांव में बाल विवाह का मामला सामने आया है। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई भी बेहद कड़वी है। पहला यह कि दूरदराज क्षेत्रों के भोले-भाले ग्रामीण नहीं जानते हैं कि बाल विवाह को लेकर क्या कानून हैं। दूसरी बात यह थी कि लडक़े के माता-पिता लंबे अरसे से बीमारी के कारण पीडि़त हैं। लिहाजा 21 साल के बेटे की शादी कर दी गई। गांव में चाइल्ड लाइन टीम पहुंच गई।
इस दौरान पाया कि चंद रोज पहले दूल्हा बने लडक़े के पिता को सुनाई नहीं देता है। मां मानसिक रोग से पीडि़त है। घर पर बूढ़ी दादी ही कुछ बता पाने की सूरत में थी। लिहाजा टीम को बताया कि उन्हें शादी की उम्र को लेकर मामूली सा भी इल्म नहीं था। लडक़े के माता-पिता की बीमारी के कारण पोते की शादी करवाई गई थी।
बहरहाल शिरीक्यारी गांव की रहने वाली लडक़ी को पंचायतीराज संस्था के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भवानो देवी व संतराम को सौंप दिया गया। चाइल्ड लाइन की टीम में काउंसलर विनिता ठाकुर व राजेंद्र सिंह शामिल थे। काउंसलर विनिता ठाकुर ने कहा कि दोनों ही परिवारों की विस्तृत तरीके से काउंसलिंग की गई। साथ ही गांव के अन्य लोगों को भी बताया गया कि शादी के लिए लडक़े की उम्र 21 व लडक़ी की 18 साल होनी चाहिए।