शिमला – हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में राज्य में वृद्ध आश्रमों की व्यवस्था में बुनियादी बदलाव करने और बसंतपुर वृद्ध आश्रम में रह रहे सभी विकलांगों एवं बुजुर्गों को पेंशन लगाने के आदेश दिए हैं। स्वयंसेवी संस्था उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव द्वारा बसंतपुर वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की दयनीय हालात को लेकर मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र को जनहित याचिका मानते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने कहा कि सरकार एक वर्ष के भीतर बेसहारा वयस्क विकलांगों के लिए अलग आश्रम बनाये। इसी तरह मंदबुद्धि महिलाओं व पुरुषों के लिए एक वर्ष के भीतर अलग आश्रम बनाया जाये।
अदालत ने प्रदेश के वृद्धाश्रमो में रह रहे लोगो के सम्बन्धियों का पता लगाने के लिए कम से कम पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनाने के आदेश भी दिए। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता अजय श्रीवास्तव के कार्य की प्रशंसा करते हुए उमंग फाउंडेशन को विकलांगों एवं बेसहारा लोगों की भलाई का काम और आगे बढ़ने के लिए एक लाख रुपये देने के आदेश भी सरकार को दिए। न्यायालय ने राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम से कहा की वह बसंतपुर, दाड़ी, भंगरोटू और न्यू मनाली स्थित वृद्धाश्रमो को रियायती दरों पर राशन उपलब्ध कराये।