शिमला (एमबीएम न्यूज़): दूरदराज क्षेत्र के एक छोटे से गांव के युवक ने अंतरराष्ट्रीय रेसलर्स को पटखनी देते हुए वर्ल्ड हैवीवेट का खिताब अपने नाम किया है। इंडियन प्रोफेशनल रैसलर यानी आईपीडल्यू ने हाल ही में चंडीगड़ में वर्ल्ड हेवीवेट चैंपियनशिप का आयोजन किया था। इसमें पूरी दुनिया के रेसलर पहुंचे थे।
बाबी रैशले सहित डब्लयूडब्यलूई के बड़े-बडे स्टारों ने भी इस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। फाइनल मुकाबले में छह बड़े रेसलर्स को पराजित कर दिनेश उर्फ टाइगर रपटा ने इस चैंपियनशिप को जीता और वर्ल्ड हैवीवेट चैपियन बन गए। इससे पहले वह दो बार दक्षिणी अफ्रीका में भी हैवीवेट चैंपियन का खिताब अपने नाम कर चुके हैं। टाइगर रपटा शिमला जिले के चौपाल उपमंडल के मढ़ांग गांव के रहने वाले हैं।
पत्रकारों से रूबरू टाइगर रपटा ने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है। विदेशों में जाकर मेहनत करनी पड़ी। लेकिन वे चाहते हैं कि सूबे के युवाओं को यहां तक पहुंचने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़े। इसके लिए राज्य में इस खेल को प्रमोट करने की जरूरत है। राज्य में टेलेंट की कमी नहीं है, जरूरत है बस इसे तराशने की।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के युवाओं में इस खेल को लेकर काफी उत्साह और वह बड़े रेसलर बनने के सपने देखते हैं, लेकिन प्रदेश में इस खेल को ज्यादा तव्ज्जो नहीं मिलने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाते। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब में भी रैसलिंग के खेल को काफी तव्ज्जो दी जाती है, लेकिन हिमाचल इसमें काफी पिछड़ा है।
वर्ल्ड हेवीवेट चैंपियन रपटा ने प्रदेश सरकार से राज्य में रेसलिंग को बढ़ावा देने तथा रेसलिंग अकादमी खोलने का अनुरोध किया और कहा कि इससे राज्य का छुपा टेलेंट सामने आएगा तथा एक नहीं 100 ग्रेट खली और टाइगर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में हिमाचल में भी डब्लयूडब्लयूई खेलों का आयोजन होना चाहिए।