शिमला (एमबीएम न्यूज़): शासन व प्रशासन की तरफ से भले ही सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने की बात होती हो, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अभी भी इन सुविधाओं से वंचित हैं। मामला सूबे के किसी दूरदराज व पिछले इलाके का नहीं, बल्कि राजधानी के राजकीय वरिष्ठ कन्या विद्यालय लक्कड़ बाजार का है। यहां स्कूल की दूसरी मंजिल पर स्थित सांइस लैब में पहुंचने के लिए 11वीं व 12वीं की छात्राओं को रोजाना अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है।
दरअसल स्कूल की टॉप फलोर पर स्थित फिजिक्स लैब तक जाने वाली लकड़ी की सीढ़ी अढ़ाई माह पहले टूट गई थीं। ये सीढ़ी लकड़ी की बनी थीं। लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी स्कूल प्रबंधन वहां पर सीढ़ी का इंतजाम नहीं करवा पाया। हालात ऐसे हैं कि प्रेक्टिकल करने लैब तक जाने के लिए छात्राओं को अस्थायी सीड़ी का सहारा लेना पड़ रहा है।
टॉप फलोर पर फिजिक्स लैब के अलावा मयूजिक और एनएसएस रूम भी है। स्कूल प्रबंधन और वक्फ बोर्ड की आपसी खींचतान से यह पुरा मामला उलझा हुआ है और इसका खामियाजा यहां शिक्षा ग्रहण करने वाली कन्याओं को झेलना पड़ रहा है। वक्फ बोर्ड के सूत्र बताते हैं कि लक्कड़ बाजार स्कूल प्रबंधन का दो-तीन कमरों पर अवैध कब्जा है और इसी जगह पर सीढ़ी टूटी हुई है।
अढ़ाई माह तक स्थायी सीढि़यों का प्रबंध करने में नाकाम स्कूल प्रबंधन ने तर्क दिया कि नई व पक्की सीढ़ी जिस जमीन पर लगाई जानी हैं, वो जमीन वक्फ बोर्ड की है। ऐसे में पक्की सीढ़ी लगाने से पहले वक्फ बोर्ड से अनुमति लेनी जरूरी है, जो कि अभी तक नहीं मिली है।स्कूल प्रबंधन ने लैब तक पहुंचने के लिए बिजली के पोलों पर चढ़ने वाली एक अस्थाई सीढ़ी की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन इस सीढ़ी पर चढ़ते समय गिरने का खतरा बना रहता है और शिक्षकों को सीढ़ी को पकड़कर रखना पड़ता है, ताकि कहीं चढ़ते या उतरते समय छात्राएं नीचे ना गिर जाएं।
जानकारी अनुसार विगत 4 दिसमंबर को फिजिक्स लैब जाने वाली सीढ़ी टूट गई थी। इसके बाद आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन ने लोहे की एक मजबूत सीढ़ी बनाने के लिए कारीगर बुलाया। इसी स्कूल के साथ वक्फ बोर्ड का कार्यालय है। वक्फ बोर्ड प्रबंधन को जैसे ही सीढ़ी लगाने की भनक लगी, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर इसे वहां से हटवा दिया।
इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने मामले की जानकारी शिक्षा विभाग को दी। लेकिन मामले में कोई भी प्रगति नहीं हुई और छात्राओं को रोजाना अस्थायी सीढ़ी से फिजिक्स लैब पहुंचना पड़ता हैं। राजधानी के सरकारी स्कूल में इस तरह के मामले का अढ़ाई महीनों तक लटके रहना हैरत में डालने वाला है और निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है कि स्कूल प्रबंधन, शिक्षा निदेशालय और वक्फ बोर्ड इस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण मुददे को सुलझाकर छात्राओं को सुविधा देने के प्रति गंभीर ही नहीं है।
लक्कड़ बाजार स्कूल की प्रधानाचार्य गीता ने बताया कि स्कूल प्रबंधन की तरफ से यह मसला कई बार वक्फ बोर्ड से उठाया गया है, लेकिन हमें पक्की सीढ़ी लगाने की अनुमति नहीं दी गई। वक्फ बोर्ड की तरफ से बार-बार हमें यह कहा गया कि उनका नया सदस्य बोर्ड अभी गठित नहीं हुआ है और वह ही इस मसले पर निर्णय लेगा। प्रधानाचार्य ने बताया कि यह मामला शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में भी लगाया गया है।
वहीं वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष राजबली ने इस मसले के स्थायी समाधान का भरोसा दिलाया है। राजबली ने बातचीत में बताया कि बोर्ड को अपनी जमीन पर सीढि़यां लगाने में कोई आपति नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है। स्कूल प्रबंधन की ओर से जो भी सहयोग मांगा जाएगा, उसे पूरा किया जाएगा। विद्यार्थी देष का भविष्य हैं और उनकी पढ़ाई में कोई रूकावट न आए, इसके लिए वक्फ बोर्ड की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी।