शिमला (एमबीएम न्यूज़): जेओए (आईटी)-447 संघर्ष संघ के प्रदेशाध्यक्ष राहुल ने जारी प्रेस बयान में सरकार से आग्रह किया हैं कि 556 में नियुक्तियां नियमों के अनुसार ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा की 556 कोड में भर्ती नियमों की बजाय यदि स्पष्टीकरण के आधार पर भर्ती की गई तो युवाओ को सड़कों पर उतरना पड़ेगा। कांग्रेस सरकार ने 447 में भर्ती नियमों को दरकिनार करते हुए स्पष्टीकरण के आधार पर भर्ती की थी, जिस पर अभी 11 केस कोर्ट में विचाराधीन हैं।
संघर्ष संघ ने कहा कि जो योग्यता आवेदनपत्र के समय तय की गई थी, उसी के आधार पर भर्ती हो। संविधान के अनुछेद 309 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार राज्यपाल की स्वीकृति से भर्ती नियम बनाती हैं। उसी नियम के अनुसार भर्ती की जाती हैं। लिखित परीक्षा के बाद भर्ती नियम में न तो छूट दी जा सकती न ही नियम बदला जा सकता।
यदि कोई नियम बदलना जरूरी हो तो नियमानुसार बदल कर आगामी भर्ती पर लागू होता हैं। जबकि कोड 447 में कार्मिक विभाग के एक अधिकारी ने बिना सरकार की अनुमति के कंप्यूटर डिप्लोमा में छूट दे दी। जबकि भर्ती नियम में मान्यता प्राप्त संस्थानों से एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा अनिवार्य था।
उन्होंने कहा कि लालफीताशाही के असंवैधानिक आदेश से पात्र उम्मीदवार कोर्ट में केस लड़ रहे हैं, जबकि अपात्र उम्मीदवार नौकरी कर रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि वो दिन अब दूर नही जब हमें न्याय मिलेगा।
संघर्ष संघ ने कहा कि जो योग्यता आवेदनपत्र के समय तय की गई थी, उसी के आधार पर भर्ती हो। संविधान के अनुछेद 309 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार राज्यपाल की स्वीकृति से भर्ती नियम बनाती हैं। उसी नियम के अनुसार भर्ती की जाती हैं। लिखित परीक्षा के बाद भर्ती नियम में न तो छूट दी जा सकती न ही नियम बदला जा सकता।
यदि कोई नियम बदलना जरूरी हो तो नियमानुसार बदल कर आगामी भर्ती पर लागू होता हैं। जबकि कोड 447 में कार्मिक विभाग के एक अधिकारी ने बिना सरकार की अनुमति के कंप्यूटर डिप्लोमा में छूट दे दी। जबकि भर्ती नियम में मान्यता प्राप्त संस्थानों से एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा अनिवार्य था।
उन्होंने कहा कि लालफीताशाही के असंवैधानिक आदेश से पात्र उम्मीदवार कोर्ट में केस लड़ रहे हैं, जबकि अपात्र उम्मीदवार नौकरी कर रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि वो दिन अब दूर नही जब हमें न्याय मिलेगा।