शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल में कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी चारों भाजपा सांसदों को घर में ही घेरेगी। शनिवार को पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में इसकी रणनीति तैयार की गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में पीसीसी सचिवों और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक हुई। इसमें लोकसभा चुनाव को लेकर गहन मंथन किया गया।
सुक्खू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चुनावी रणनीति तैयार करने को लेकर ब्लॉक अध्यक्षों की राय भी ली गई। लंबे विचार-विमर्श के बाद प्रदेश में चार साल का श्हिसाब दें सांसद-जबाव दें सांसदश् स्लोगन के साथ प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया। सुखविंद्र सुक्खू ने बैठक में ब्लॉक अध्यक्षों से चुनाव के लिए कमर कसने का आह्वान किया। सुक्खू ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार किया जाए।
चारों संसदीय क्षेत्रों में “हिसाब दें सांसद-जबाव दें सांसद” अभियान के तहत कार्यकर्ता सम्मेलन किए जाएंगे। इनमें हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील शिंदे, सह प्रभारी रंजीता रंजन, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और सभी पूर्व मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे। चारों संसदीय क्षेत्रों में सम्मेलनों के बाद राज्य स्तरीय सम्मेलन होगा, जिसमें में भी कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता शामिल होंगे।
बैठक में कांग्रेस महासचिव व विधायक रामलाल ठाकुर, महासचिव हरभजन सिंह भज्जी, नरेश चौहान ने कहा कि चारों सांसदों को यह बताना होगा कि प्रदेश की समस्याओं को लेकर कितने सवाल संसद में पूछे और कितने बजट का प्रावधान कराया। महंगाई कम करने के लिए केंद्र सरकार को क्या सुझाव दिए। हर साल दो करोड़ रोजगार कहां हैं।
सुक्खू ने कहा कि जनता भाजपा सांसदों से चार साल का हिसाब मांगेगी। केंद्र की मोदी सरकार के इस मई में चार साल पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान सांसद हिमाचल के लिए कौन सा बड़ा प्रोजेक्ट लाए, उन्हें जनता को बताना होगा। चूंकि, भाजपा के जनता के साथ चुनाव पूर्व किए सभी वादे कोरे ही साबित हुए हैं। हिमाचल में केंद्रीय विश्वविद्यालय पूर्व यूपीए सरकार की देन है। कांग्रेस सरकार के जमीन देने के वाबजूद बीजेपी सांसदों की आपसी लड़ाई के चलते उसका कैम्पस तक नहीं बन पाया।
बिलासपुर में एम्स भी पूर्व यूपीए सरकार ने ही स्वीकृत किया था, जिसका शिलान्यास करने के लिए मोदी सरकार ने तीन साल लगा दिए। जनता हर वादे और दावे की जमीनी हकीकत जानना चाहती है। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार पूर्व कांग्रेस सरकार के समय खुले कॉलेजों और स्कूलों को बंद करने की जल्दी न करे। वित्तीय संसाधनों का रोना रो रही सरकार यह बताए कि सत्ता में आने के बाद की जा रही घोषणाओं के लिए धन कहां से आएगा। चूंकि, केंद्र सरकार ने भी विशेष आर्थिक पैकेज से मुंह मोड़ लिया है।
सांसदों से इन मुद्दों का जवाब मांगेगी कांग्रेस
– हिमाचल की चार हजार करोड़ की सेब इंडस्ट्री को बचाने के लिए क्या किया। सेब पर आयात शुल्क बढाने के वादे कहां गुम हो गए।
– नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन एक साल में बनकर पूरी क्यों नहीं हुई।
– लेह तक रेलवे लाइन पहुंचाने का वादा क्यों भूल गए।
– भानुपल्ली-बिलासपुर लाइन कागजों से आगे क्यों नहीं बढ़ पाई।
– अम्ब-नादौन-सुजानपुर-पालमपुर और ऊना-हमीरपुर लाइन का सर्वे क्यों नहीं हुआ।