सरकाघाट (एमबीएम न्यूज): स्कूल बस अचानक चल पड़ी थी। उस दौरान सीट पर ड्राईवर मौजूद नहीं था। नन्हें बालक प्रफुल्ल शर्मा ने बस को बे्रक लगाकर रोक दिया था। हर कोई दंग रह गया था। बात दिसंबर 2015 की है। पिछले साल इसी बहादुरी के लिए प्रफुल्ल को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया था।
प्रफुल्ल आज छात्रों के लिए रोल मॉडल है। शुक्रवार को उपमंडल स्तर पर गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में प्रफुल्ल को विशेष तौरपर आमंत्रित किया गया। हाल ही में एसडीएम का पदभार संभालने वाले श्रवण मांटा भी बहादुर बच्चे से मिलने के इच्छुक थे।
मौके पर खुद एसडीएम ने प्रफुल्ल को सम्मानित भी किया। सनद रहे कि नन्हे प्रफुल्ल ने जब स्कूल बस को बे्रक लगाकर रोका था तो उस समय बहादुर बच्चे की उम्र महज 11 वर्ष की थी।