शिमला (एमबीएम न्यूज़): आईजीएमसी के चालक की भराड़ी में संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में शिमला पुलिस ने 10 माह बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। चालक तेज प्रकाश की मृत्यु की वजह पुलिस ने गिरना बताई थी, लेकिन उसे सुनियोजित तरीके से मौत के घाट उतारा गया था। पुलिस ने इस मामले में महज धारा-174 के तहत कारवाई कर औपचारिकता पूरी की है।
यह मामला हत्या का है। राज्य में काबिज हुई नई सरकार इस मामले की या तो सीआईडी जांच करवाए या मामले की तफतीश के लिए एसआईटी बनाई जाए। यह बात मृतक चालक तेज प्रकाश के पिता एलआर कौंडल ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कही।
रूंधे स्वरों से एलआर कौंडल ने बताया कि उनका बेटा तेज प्रकाश आईजीएमसी में चालक के पद पर तैनात था। आईजीएमसी के एक डॉक्टर ने 7 अप्रैल को तेज प्रकाश को अपने आवास पर बुलाया। अगले दिन की सुबह तेज प्रकाश उसी डॉक्टर के आवास के बाहर मृत पड़ा था। वह मृत हालत में मुंह के बल जमीन पर लेटा था और उसके दोनों हाथ पीछे पीठ की तरफ थे। इससे आभास हो रहा था कि जैसे तेज प्रकाश को पूरी योजना से मौत के घाट उतारा गया हो।
उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के कंधों पर हाथ के निशान मिले हैं। तत्कालीन पुलिस ने उनके बेटे की मौत की वजह गिरना बताई थी, लेकिन जहां वो गिरा था, उस जगह पर खाई नहीं थी। वह जगह उस डॉक्टर के आवास के महज 10-20 मीटर दूर थी, जिसने बेटे को मिलने बुलाया था। हैरानी इस बात की है कि आईजीएमसी में तैनात यह डॉक्टर बेटे की मौत पर संवेदना जताने उसकी मौत के पांच माह बाद हमारे घर आया।
मृतक तेज प्रकाश के पिता ने बताया कि उसके बेटे की सामान्य मौत नहीं हुई है। तत्कालीन जांच अधिकारी ने इस मामले को हल्के में लिया। हत्या की जांच को लेकर तत्कालीन एसपी से लेकर तत्कालीन डीजीपी से गुहार लगाई, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। 10 माह गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने इस केस में एफआईआर तक दर्ज नहीं की है।
उन्होंने कहा कि अब राज्य में नई सरकार काबिज हुई है और जिला पुलिस प्रशासन में भी फेरबदल हुआ है। ऐसे में उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस मामले को उन्होंने नए एसपी शिमला से भी उठाया है और एसपी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।
इस बीच संपर्क करने पर एसपी. ओमापति जंबाल ने बताया कि आईजीएमसी चालक की मौत मामले की फाईल अभी उन्होंने नहीं देखी है। इसे लेकर उसके परिजनों ने मुलाकात कर हत्या की जांच की मांग की है। फाईल देखने के बाद इस मामले में उचित कदम उठाया जाएगा।