नाहन (एमबीएम न्यूज़): सिरमौर के उच्चशिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में कोताही बरती जाती है। इसका उदाहरण सामने आया है। दरअसल विद्यालयों में स्काउट व गाइड से मामूली फीस हर महीने ली जाती है। इसका 50 फ़ीसदी हिस्सा उपनिदेशक कार्यालय में चैक या ड्राफ्ट के माध्यम से भेजा जाता है।
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि स्कूली छात्रों से वसूली जाने वाली फीस की एवज में बनाए गए चैक और ड्राफ्ट उपनिदेशक कार्यालय में करीब एक साल से धूल चाट रहे थे। अब इनकी मियाद भी पूरी हो चुकी है, लिहाजा कैश भी नहीं करवाया जा सकता। सूत्रों के मुताबिक इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब उपनिदेशक कार्यालय से एक कर्मचारी की ट्रांसफर हुई। जब दूसरा कर्मचारी चार्ज लेने पहुंचा, तब यह मामला सामने आया।
अब उपनिदेशक कार्यालय द्वारा तमाम स्कूलों को ड्राफ्ट व चैक वापस भेजे जा रहे हैं। साथ ही इन्हें दोबारा बनाकर भेजने को कहा जा रहा है। सवाल यह उठता है कि स्कूलों द्वारा एक मर्तबा ड्राफ्ट की राशि पर बैंकों का शुल्क अदा किया जा चुका है। इसके अलावा डाक भेजने के लिए डाकखर्च भी किया जा चुका है। अब यह खर्चा तीन गुना हो चुका है, क्योंकि पहले उपनिदेशक कार्यालय से स्कूलों को पत्र जाएंगे फिर वापस उपनिदेशक कार्यालय में दोबारा चैक पहुंचेंगे। इसके इलावा एकत्रित राशि के ब्याज का क्या होगा।
उधर शिक्षा विभाग के निदेशक अमरदेव ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है, लेकिन इस बारे उपनिदेशक से पूछा जाएगा। बहरहाल लाजमी तौर पर इस तरह की कोताही पर जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए।