मंडी(वी कुमार): जिन निवेशकों के पावर प्रोजैक्ट हिमाचल में अधर में लटके हुए हैं उनके लिए आने वाले दिनों में अच्छी खबर मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश सरकार अधर में लटके प्रोजैक्टस को फिर से शुरू करवाने के लिए ऊर्जा नीति में बदलाव लाने पर विचार कर रही है। इस बात के संकेत ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने दिए हैं।
अनिल शर्मा की मानें तो इस विभाग में अभी तक जो काम होना चाहिए था वह नहीं हो सका है, जिसके पीछे कई कारण हैं। अनिल शर्मा के अनुसार पिछले पांच वर्षों में बहुत से ऐसे प्रोजैक्टस हैं, जो लिटिगेशन के कारण अधर में लटके हुए हैं। निवेशकों ने हजारों करोड़ इसमें इन्वैस्ट कर रखा है लेकिन मौजूदा ऊर्जा नीति के कारण यह काम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं और अधर में लटके हुए हैं। यह प्रोजैक्टस दोबारा से शुरू हो सकें, इसके लिए सरकार अब मौजूदा ऊर्जा नीति में बदलाव की सोच रही है।
हालांकि अभी इसमें किस प्रकार का बदलाव होगा और क्या कुछ छूट दी जाएगी यह आने वाले समय में तय होगा लेकिन ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। वहीं ऊर्जा विभाग ने वित्त वर्ष 2017-18 में निर्धारित लक्ष्य से अधिक का राजस्व राज्य सरकार को दिया है।
मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने विभाग को 650 करोड़ का राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया था जबकि अभी तक विभाग 900 करोड़ से भी अधिक का राजस्व सरकार के खजाने में डाल चुका है। अनिल शर्मा के अनुसार 31 मार्च तक यह राजस्व एक हजार करोड़ से भी पार जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हाइडल प्रोजैक्टस को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।