नाहन (एमबीएम न्यूज): 45 साल के प्रताप सिंह रावत एक समाजसेवी के साथ-साथ राजनीतिज्ञ हैं। यह चेहरा आजकल चर्चा में है। सत्ता परिवर्तन के बाद श्री रेणुका विकास बोर्ड भंग हो चुका है। हर रोज समाज सेवा के साथ-साथ राजनीति में सक्रिय रहने वाले रावत पर नजरें इस बात को लेकर टिकी हैं कि क्या भाजपा उन्हें श्री रेणुका विकास बोर्ड के कार्यकारी का ओहदा सौंपेगी या नहीं। इस पद को लेकर दौड़ शुरू हो चुकी है।
12 मई 1973 को रेणुका विधानसभा क्षेत्र के गत्ताधार इलाके में जन्में रावत की झोली में सबसे बड़ी सामाजिक उपलब्धि मरणोपरान्त डाक कर्मी स्व. बहादुर सिंह की धर्मपत्नी संदला देवी को शौर्य पदक दिलवाना रहा है। बहादुर सिंह ने अपनी जान गंवा दी थी, लेकिन लाखों रुपए की सरकारी राशि लुटेरों को नहीं सौंपी। गत्ताधार के दुर्गम क्षेत्र में 1996 में महामारी फैल गई थी। इसमें काफी सक्रियता से कार्य किया।
1998 से 2000 तक हिविंका के युवा जिलाध्यक्ष रहे। 2000 से 2002 तक रेणुका मंडल महासचिव के तौर पर अनुभव है। इसके बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। 15 साल से भाजपा में सक्रिय हैं। 2008 में भाजपा ने रावत को भाजयुमो में जिला मीडिया प्रभारी की कमान सौंपी। 2011 से 2013 तक प्रदेश कार्यकारिणी, भाजपा पंचायतीराज संस्था के चुनाव प्रकोष्ठ में कार्य किया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान मौलाना विधानसभा क्षेत्र में सह प्रभारी की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
मौजूदा समय में भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक के पद पर तैनात हैं। सनद रहे कि 23 मार्च 2006 को स्व. बहादुर सिंह को मरणोपरान्त दिए जाने वाले शौर्य चक्र के अलंकरण समारोह में भारत के राष्ट्रपति ने रावत को भी आमंत्रित किया था। यह कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है।