नाहन ( मोक्ष शर्मा ): डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज की हालत बद से बदतर होती जा रही है। आलम यह हो चुका है कि अब यह कॉलेज महिलाओं की प्रसूति के लायक भी नहीं रहा है,
जहां 108 एंबुलेंस कर्मियों द्वारा जटिल से जटिल डिलीवरी को एम्बुलेंस में ही करवा दिया जाता हैं, वही इस कॉलेज में राम भरोसे ही काम चल रहा है।शनिवार शाम बनेठी के एक दंपति पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा, वजह मेडिकल कॉलेज में सुविधा का टोटा। पिता संदीप शर्मा ने नम आंखों से बस एक ही बात कही फिर किसी के साथ न हो ऐसा अत्याचार ……बनेठी के रहने वाले संदीप शर्मा ने नाहन मेडिकल कॉलेज में शिशु विशेषज्ञ न होने की वजह से अपनी बेटी को जन्म लेते ही खो दिया।
हालांकि मां की हालत स्थिर है, लेकिन मेडिकल कॉलेज की कार्यशैली कटघरे में जरूर खड़ी हो गई है। जन्म लेते ही अपनी बच्ची को खो देने वाले माता- पिता की हालत कोई भी समझ सकता है, लेकिन उनकी लाचारी भी देखिए मेडिकल प्रशासन ने पहले ही इस बात की अंडरटेकिंग ले ली थी की कोई अप्रिय घटना होने की सूरत में जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की नहीं होगी, क्योंकि कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है। मौके पर मौजूद अश्वनी शर्मा तथा विवेक शर्मा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। सनद रहे कि पिछले कई दिनों से अस्पताल प्रशासन द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रसूति के लिए रैफर किया जा रहा है। यदि कोई प्रसूति करवाना भी चाहता है तो उसे अंडरटेकिंग देनी होती है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग निजी स्वास्थ्य संस्थानों में नहीं जा सकते मजबूरन अंडरटेकिंग देनी होती है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि प्रसूति तक की सुविधा से गर्भवती महिलाएं वंचित है।
राज्य व केंद्र सरकार शिशु मृत्यु दर को घटाने को करोड़ों रुपए की योजना चला रही है लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही है। चंद रोज़ पहले स्थानीय विधायक की हैसियत से डॉ राजीव बिंदल ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था ,सख्त लहजे में शिशु रोग विशेषज्ञ की तैनाती आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ बहरहाल सवाल यह उठता है कि क्या नन्ही जान की कीमत पर अब सरकार को होश आएगा या नहीं। मेडिकल कॉलेज से रैफर हो रहे मामलो की जाँच होनी चाहिए साथ ही यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि कैसे 108 एम्बुलेंस कर्मी डिलीवरी करवा लेते है। उधर इस मामले में कॉलेज प्रशासन से बात नहीं हो पाई है. लिहाजा पक्ष मिलने की सूरत में प्रकाशन किया जायेगा।