शिमला(एमबीएम न्यूज़ ): प्रदेश के सत्ता बदलते ही पुलिस कांस्टेबल भर्ती पर भी संशय पैदा हो गया है। इस भर्ती में कामयाब बेरोजगारों ने भाजपा सरकार से अगली प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की है। तर्क दिया जा रहा है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हुई है लिहाजा पूरी पारदर्शिता है। सनद रहे कि जुलाई 2016 में पुलिस भर्ती को लेकर आवेदन आमंत्रित किए गए थे। वही गत वर्ष ही 2 अक्टूबर को लिखित परीक्षा के बाद 11 अक्टूबर को नतीजा जारी हुआ था।
लेकिन इसके फ़ौरन बाद ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई, लिहाजा साक्षात्कार नहीं हो पाए। बेरोजगारों का कहना है कि लिखित परीक्षा में सफल रहे उम्मीदवारों की अगली प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरु की जाए, जिसका वो बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछली सरकार ने पुलिस कांस्टेबल के 1073 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। एक पद पर औसतन 35 से 40 बेरोजगारों ने आवेदन किया था। भाजपा की जयराम सरकार ने सत्ता संभालते ही हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग व हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के अलावा प्रदेश में की जा रही तमाम भर्तियों को स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए थे।
लिहाजा सूबे के हजारों बेरोजगार अब तक यह नहीं समझ पाए हैं कि पुलिस भर्ती अंतिम नतीजे पर पहुंचेगी या नहीं। बेरोजगारों का यह भी कहना है कि पुलिस भर्ती को लेकर सरकार को अपना स्टैंड जल्द से जल्द साफ कर देना चाहिए। अहम बात यह भी है कि जयराम सरकार ने भर्तियों को रद्द करने की बात भी नहीं की है एक दलील यह भी है कि जब भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है तो भाजपा को इसे आगे बढ़ाने में कोई हिच नहीं होनी चाहिए।