हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश की रणनीति में अब जिला का गोल्डन ईयर समाप्त हो गया है। भाजपा के गढ़ जिला में कांग्रेस ने 5 में से 3 सीटे जीतकर एक नया इतिहास लिखा है। अब यह कहना गलत नही होगा कि जहाँ पहले जो प्रदेश की राजनीति में जिला की भूमिका होती थी अब मंडी की होगी। वही भाजपा के मुख्यमंत्री के घोषित चेहरे एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की पंदूड़ी सुजानपुर की जनता ने अस्वीकार कर दी।
राजेंद्र राणा के लगातार विकास के आगे धूमल की हार हुई है और प्रदेश की राजनीति में जनता ने संदेश दिया है कि जो नेता सुजानपुर की जनता का विकास करेगा उसी को जीत दिलाएंगे। विधानसभा चुनाव में सबसे हॉट सीट सुजानपुर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जनसभा करके धूमल को जिताने की अपील की थी, लेकिन मुख्यमंत्री वीरभद्र व राजेंद्र राणा की जुगलबंदी के चलते धूमल की एक नहीं चली और शुरू से राजेंद्र राणा ने हर बूथ से ज्यादातर लीड लेकर धूमल को मात दी है।
वहीं नादौन विधानसभा क्षेत्र में भी नया इतिहास बना है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सुक्खू ने भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को करारी मात देकर जीत दर्ज की है। नादौन में खास बात देखने को मिली है कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो विपक्ष में भाजपा के विधायक के तौर पर विजय अग्निहोत्री ने चुनाव जीता था और सुक्खू को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बन रही है तो अब विधायक के तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की जीत हुई है। नादौन व सुजानपुर विधानसभा क्षेत्रों की दोनों सीटें हॉट थी।
प्रेम कुमार धूमल ने तो चुनाव प्रचार के दौरान जनता से यहां तक कहा था कि वह आखिरी बार पंदूड़ी देने आए हैं और कोई खोट (दोष) हो तो माफ करना देना। लेकिन जनता ने उनकी पंदूड़ी स्वीकार नहीं की। सुक्खू ने बतौर प्रदेश अध्यक्ष जीत दर्ज करके साबित कर दिया है कि आने वाले समय में कांग्रेस में बड़े नेता के रूप में उभरकर सामने आएंगे और लोगों की इच्छाओं व भावनाओं के प्रति विकास को तरजीह देंगे।
धूमल का राजनीतिक सफर
प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। पहली बार वे 1998 में हिमाचल के सीएम बने। दूसरी बार वे 2007 से 2012 तक सीएम रहे। इस बार भी भाजपा ने उन्हें अपना सीएम कैंडिडेट बनाया है। वे चार बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। प्रेम कुमार धूमल ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी के तौर पर राजनीति में प्रभावशाली करियर की शुरूआत की थी।
धूमल वर्ष 1982 में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। इसके बाद 1984 में धूमल ने पहली बार लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में वे हमीरपुर सीट से विजयी हुए। 1991 में एक बार फिर धूमल ने हमीरपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की।
इसके बाद भाजपा ने उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। प्रेम कुमार धूमल अभी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल 1944 को जिले के समीरपुर गांव में हुआ था। धूमल ने एमए और एलएलबी की शिक्षा हासिल की।